हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रोटेस्ट, जानिए खट्टर सरकार के खिलाफ क्यों सड़कों पर उतरे छात्र ?
महेंद्रगढ़। हरियाणा की खट्टर सरकार वैसे तो शिक्षा क्षेत्र में अपनी उपलब्धियां गिनाते नहीं थकती है, लेकिन जमीन स्तर पर हालात कुछ और ही है। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में मूलभूत सुविधाओं का टोटा है जिसको लेकर बीटेक के स्टूडेंट्स ने कॉलेज प्रशासन और खट्टर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। विद्यायर्थियों ने विश्वविद्यालय के गेट पर यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
विद्यार्थियों का आरोप है कि कॉलेज में लैब, पुस्तकालय सहित अनेक मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। महेंद्रगढ़ स्थित हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में सत्र 2016-17 से बीटेक की कक्षाएं शुरू की गई थी। विद्यार्थियों का कहना था कि उम्मीद जगी थी कि अब महेंद्रगढ़ में ही बेहतर शिक्षा उपलब्ध होगी परंतु विद्यार्थियों व अभिभावकों की उम्मीदों पर पानी तब फिर गया जब एक साल बीतने पर भी बीटेक के विद्यार्थियों को मूलभुत सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हो पाई। वहीं छात्रों ने मांगे पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है।
गुस्साए विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के गेट को बंद कर दिया है, विद्यार्थियों का कहना है कि कॉलेज में सुविधाओं के आभाव की वजह से परीक्षा परिणाम भी खराब आया है। उन्होंने बताया कि री-एपीयर विद्ययार्थियों को सेंकड ईयर में दाखिला नहीं मिल रहा है। साथ ही विद्यार्थियों ने कॉलेज में फैकल्टी की कमी का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीटेक के लिए स्थाई प्राध्यापकों की नियुक्ती नहीं होने के कारण पढ़ाई बाधित हो रही है।
विद्यार्थियों ने प्राध्यापकों पर मनमानी व तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग के एचओडी विद्यार्थियों को फेल करने की धमकी देते हैं। वहीं विद्यार्थी वीसी से मुलाकात करने के लिए अड़े हुए हैं। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार रामदत्त ने कहा कि विद्यार्थियों की समस्याओं को लकर गंभीर है, विद्यार्थियों ने बिना किसी सूचना के आंदोलन शुरु कर दिया, प्राध्यापकों की नियुक्ती प्रक्रिया शुरु कर दी गई है।
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