हरियाणा हिंसा के जिम्मेदार मनोहर लाल खट्टर हैं !
नई दिल्ली। सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ बलात्कार का एक आरोपी अदालत में पेश होने के लिए निकला. हरियाणा सरकार की पुलिस ने सैकड़ों गाड़ियों को सिरसा से पंचकुला तक जाने दिया. साथ ही पंचकुला में लाखों की तादाद में समर्थकों को जमा होने दिया. सीबीआई कोर्ट के फैसले के बाद जो हुआ वह सबके सामने है. थाने, सरकारी दफ्तर और गाड़ियां फूंक दी गई. यहां तक की मीडिया की भी गाड़ियां फूंक दी गई. पंचकुला में जैसे जंगलराज सा पसर गया. जिस खट्टर के ऊपर हालात को काबू में रखने की जिम्मेदारी थी वो शांति बनाये रखने के लिए गिड़गिड़ाता दिखाई दिया. अफसोस-सद-अफसोस.
इस पूरे घटनाक्रम से एक बात तो पूरी तरह से साफ हो गया कि सीएम मनोहर लाल खट्टर में नेतृत्व की कितनी क्षमता है. न तो खट्टर हालात को भांप सके और न ही हिंसा को रोक सके. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के ट्वीट के बाद खट्टर को कुछ समढ आया. ऐसा लगा जैसे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की फटकार के बाद उन्हें मामले की गंभीरता समझ में आई हो. फिर उन्होंने माना कि प्रशासन से चूक हुई है. लेकिन वह भूल गए कि प्रशासन के मुखिया वह खुद हैं.
बहरहाल बलात्कार का एक आरोपी अगर 200 से ज्यादा ट्रेनें रद्द करवा दे, कई जिलों में कर्फ्यू लगवा दे, तो राज्य को समझना चाहिए कि वह कितना पंगु हो चुका है. और फिलहाल इस पंगुता का सबसे बड़ा चेहरा मनोहर लाल खट्टर हैं. वहीं भारी हिंसा और आगजनी के लिए खट्टर सरकार की चारों तरफ महज आलोचना हो रही है. सरकार हालात की गंभीरता समझने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है. यह मामला इतना भयानक था कि फैसला सुनाए जाने के बाद पंचकुला और सिरसा में हुई हिंसा में 31 लोगों की मौत हो गई.
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