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Social - State - September 16, 2017

हर मोर्चे पर फेल साबित हुई मोदी सरकार, पूरी खबर पढ़कर समझिए!

देश में बीजेपी सरकार की लहर होने की बात कही जा रही है. लेकिन बीजेपी ने अपनी फेलियर नीतियों की बदौलत अपने उपर नाकामियों का धब्बा लगा लिया है! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिन कामों के लिए 2019 तक का वक्त मांग रहे थे, अब उन्हीं कामों के लिए 2022 तक का वक्त मांग रहे हैं. बीते दिनों जापान के पीएम शिंजो अबे भारत आए और पीएम मोदी के साथ गुजरात का दौरा किया. इस दौरान पीएम ने 2022 तक देश को पहली बुलेट ट्रेन देने का ऐलान किया। अब एक नजर डालिए जरा पीएम मोदी की तीन साल की उपलब्धियों पर…

 

 

पाकिस्तान नीति पर बीजेपी को कितनी कामयाबी मिली ?

पाकिस्तान पर केंद्र की नीति का कुछ बड़ा असर होता दिखाई नहीं दिया. मोदी खुद पाकिस्तान गए, संबंध सुधारने की कई कोशिश भी की लेकिन न तो सीमापार से गोलीबारी बंद हुई और न ही जवानों की शहादत रुकी.

 

नोटबंदी से देश को हुआ कितना फायदा ?

पीएम मोदी ने 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 के नोटों पर वैन लगा दिया। नोटबंदी का ऐलान करते हुए पीएम ने कहा कि इससे देश का काला धन वापस आएगा, भ्रष्टाचार और नक्सलवाद पर रोक लगेगी। नोटबंदी से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, तमाम लोगों की तो नोटबंदी से मौत होने खबरें भी सामने आईं। फिलहाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने नोटबंदी से जुड़े आंकड़े पेश किए जिसमें बताया गया कि तकरीबन 99 प्रतिशत वैन की गई करंसी वापस आ गई. लेकिन आप समझ सकते हैं कि कितना भ्रष्टाचार खत्म हो गया और कितना कालाधन वापस आ गया। विपक्ष ने मोदी सरकार पर आरोप लगाए कि कालेधन को सफेद करने के लिए नोटबंदी का नाटक किया गया था।

 

हर भारतीय के खाते में 15 लाख रुपये जमा करने के वादे का क्या हुआ ?

2014 के चुनावी प्रचार में बीजेपी के हर नेता ने और पीएम नरेंद्र मोदी ने 100 दिनों के अंदर विदेशों में जमा कालेधन को वापास लाने की बात कही थी. साथ ही हर भारतीय के बैंक अकाउंट में 15 से 20 लाख रुपये जमा कराने का वायदा किया था। मगर तीन साल बाद भी कालेधन का मुद्दा महज मुद्दा बनकर रह गया है। और हर भारतीय के खाते में 15 लाख रुपये देने का वादा सिर्फ एक झूठा वादा बनकर रह गया।

 

 

कानून व्यवस्था में कितना हुआ सुधार ?

खुद को हर मोर्चे पर मजबूत मानने वाली बीजेपी सरकार के राज में भी कानून व्यवस्था का बुरा
हाल है. हर दिन गौरक्षा के नाम पर हिंसा, नक्सलवाद और रेप जैसे आपराधिक घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
इस साल फरवरी में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकडों के अनुसार पूरे देश में छोटे-बड़े अपराध 28,51,563 हुए। अकेले मध्यप्रदेश में 2,72,423 केस दर्ज हुए। हत्या-अपहरण के मामले में यूपी नंबर वन है। लूट के मामलों में महाराष्ट्र देश में पहले नंबर पर है। ये सभी आंकडे मोदी सरकार की कानून व्यवस्था की सच्चाई बताती हैं।

 

 

भारतीय रेलवे व्यवस्था का कैसा है हाल ?

सबसे महफूज माना जाने वाला रेलवे सफर इन दिन खतरे के साए में हैं. कब कौन सी ट्रेन पटरी से उतर जाए बहुत मामूली बात हो गई है. बीते एक महीने के भीतर हुए 4-5 रेल हादसों से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कितनी मजबूत है रेलवे व्यवस्था, पीएम नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु का मंत्रालय तो बदल दिया पर क्या रेलवे व्यवस्था में सुधार के लिए कोई सख्त कदमा उठाया।

 

 

गंगा की कितनी हुई सफाई ?

 

नमामि गंगे को लेकर तमाम कार्यक्रम हुए लेकिन गंगा साफ ही नहीं हुई। मंत्री बदल कर नए आ गए पर हालात जस के तस बने हुए हैं. 13 जुलाई 2017 के इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कहा है कि दो साल में गंगा की सफाई पर 7000 करोड़ ख़र्च हो गए और गंगा साफ नहीं हुई। अब सवाल इस बात का है तो ये 7000 करोड़ कहां ख़र्च हुए? क्या सारा पैसा जागरूकता अभियान में ही फूंक दिया गया?

 

 

गौर रक्षकों का आंतक ?

सबका साथ-सबका विकास के नारे के साथ सत्ता में आई मोदी सरकार के शासन में गौरक्षकों का उत्पात सिर चढ़कर बोला. गाड़ी में गोवंश ले जा रहे युवकों को कहीं बुरी तरह पीटा गया तो कहीं उन्हें जान से ही मार दिया गया. गुजरात में मृत गाय की खाल निकालने पर कथिततौर पर छह गोरक्षकों ने चार दलितों को बुरी तरह पीटा। यही वजह रही कि कई बार खुद पीएम ने अपने भाषण और इंटरव्यू में गोरक्षकों की गुंडागर्दी का जिक्र किया.

 

मंहगाई ने किया लोगों का बुरा हाल

बीजेपी ने यूपीए के खिलाफ जो बातें सबसे ज्यादा कही थीं उसमें महंगाई भी थी. केंद्र की सत्ता पर काबिज हुई मोदी सरकार के कार्यकाल में भी महंगाई कुछ कम नहीं है। एक वक्त ऐसा भी आया था जब लोग घरों से बाहर सब्जियां खरीदने जाते थे तो कीमतें रुला देती थीं. सिर्फ सब्जी ही नहीं बल्कि दाल की कीमतें तो इस सरकार में चरम पर थी।

 

 

 

मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट से कितना मिला रोजगार ?

मेक इन इंडिया मोदी सरकार के महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक योजना रही है। मगर इस योजना का फायदा कहां हुआ और किस वर्ग को हुआ इसका आंकडा अभी तक सामने नहीं आया है। सरकार की इस योजना की कठोरता का इससे ही पता चलता है कि अब मेक इन इंडिया योजना के दौबारा नाम बदलकर बॉय इन इंडिया नाम से लॉच करने की तैयारी है।

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