हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद चंद्रशेखर पर रासुका की कार्रवाई, बहुजन समाज में भयंकर आक्रोश
नवी दिल्ली. भीमआर्मी के चीफ चंद्रशेखर उर्फ रावण को एक तरफ तो इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी तो वहीं दूसरी तरफ चंद्रशेखर पर रासुका लगा दी। चंद्रशेखर पर रासुका लगा देने के बाद बहुजनों में भयंकर आक्रोश है। चंद्रशेखर पर रासुका की कार्रवाही के खिलाफ संगठन ने भूख हड़ताल करने की धमकी दी है। 9 नवबंर को सहारनपुर में बड़ा प्रोटेस्ट का ऐलान किया है।
भीमआर्मी एकता मिशन के मीडिया प्रभारी अजय गौतम ने कहा जिस तरह प्रदेश सरकार ने चंद्रशेखर पर रासुका की कार्रवाई की है वह उचित नहीं है. उन्होंने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सरकार दलितों, मुस्लिमों औऱ पिछड़े वर्ग का उत्पीड़न कर रही है, उन्होंने कहा अगर रासुका नहीं हटाई जाती है तो वो नो नवंबर को सहारनपुर में भूख हड़ताल करेंगे।
पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एवं स्वराज अभियान समिति के सदस्य एसआर दरापुरी ने चंद्रशेखर के पर लगाए रासुका को दलित दमन का प्रतीक बताया, ते म्हणाले कि चंद्रशेखर को एक दिन पहले ही इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिली थी जिसमे न्यायालय ने माना था कि उसके ऊपर लगाये गये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं.
उन्होंने आगे कहा इस कार्रवाही से स्पष्ट है कि योगी सरकार किसी भी हालत में चन्द्रशेखर को जेल से बाहर नहीं आने देना चाहती क्योंकि उसे डर है कि उसके बाहर आने से दलित वर्ग के लामबंद हो जाने की सम्भावना है. इसे रोकने और भीम आर्मी को ख़त्म करने के इरादे से सरकार ने चन्द्रशेखर पर रासुका लगा कर तानाशाही का परिचय दिया है. इसी मकसद से सरकार ने भीम आर्मी के लगभग 40 सदस्यों पर मुक़दमे लाद दिए हैं जिनमे अधिकतर छात्र हैं जिनका भविष्य अधर में लटक गया है.
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