2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के सभी आरोपी बरी, तो कौन हैं असली दोषी?
नई दिल्ली। देश की राजनीति को हिलाने वाले 1.76 लाख करोड़ रुपए के 2जी घोटाले सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है। CBI कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए पूर्व टेलिकॉम मंत्री ए राजा सहित डीएमके नेता कनिमोझी को इस घोटाले के आरोपों से मुक्त कर दिया है।
न्यायालय ने कहा कि आरोपियों को लेकर, पर्याप्त सबूत नहीं थे ऐसे में उन्हें बरी कर दिया गया। गौरतलब है कि, यह घोटाला 1 लाख 76 हजार करोड़ रूपए का घोटाला कहा जा रहा था। इसमें 2 जी स्पेक्ट्रम के आवंटन को लेकर, मनमानी करने और नियमों की अनदेखी करने का आरोप लगाया गया था।
जिन 16 लोगों पर इस घोटाले का आरोप था उनमें पूर्व टेलिकॉम मंत्री ए राजा, डीएमके नेता कनिमोझी, ए राजा के पीए आक के चंदोलिया, पूर्व टेलिकॉम सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, रिलायंस टेलिकॉम के 3 एग्जिक्यूटिव, स्वान टेलिकॉम के साहिद बलवा, फिल्म प्रोड्यूसर करीम मोरानी, यूनिटेक के संजय चंद्रा और क्लेगनार टीवी के शरद कुमार शामिल हैं। इनके अलावा इस घोटाले में रिलायंस कम्युनिकेशन, स्वान टेलिकॉम और युनिटेक का नाम भी शामिल था।
आप को बता दें कि 2010 भारत के महालेखा नियंत्रक एवं परीक्षक यानि कैग ने स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में धांधली की बात कही थी इसके साथ अपनी रिपोर्ट में सरकारी खजाने को एक लाख 76 करोड़ के नुकसान का अनुमान लगाया था।
तो वहीं कोर्ट के इस तरह का फैसला आने के बाद तमाम तरह के सवालों ने जन्म ले लिया है. सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगर सभी आरोपी निर्दोष है तो आखिर घोटाला किया किसने था? सात साल की लंबी कार्रवाई के बाद भी क्यों जांच ऐजेंसियों के हाथ खाली है?इतने बड़े घोटाले के असली दोषियों कोन है ? यह सवाल पूरे सिस्टम और देश की राजनीति पर तमाम सवालिया निशान खड़े करतें है।
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