Home Language Hindi 727 हस्तियों ने किया CAB का विरोध करते हुए लिखी खुली चिट्ठी
Hindi - Political - Politics - Social - December 11, 2019

727 हस्तियों ने किया CAB का विरोध करते हुए लिखी खुली चिट्ठी

नागरिकता संशोधन बिल (CAB) लोकसभा में पास होने के बाद बुधवार को राज्यसभा में पेश होने के बाद विधेयक का देशभर में विरोध हो रहा है। इसी बीच देश की 727 नामचीन हस्तियों ने भी नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करते हुए खुली चिट्ठी लिखी है।

बिल के विरोध में चिट्ठी लिखने वालों में पूर्व जजवकीललेखकअभिनेता और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं। विरोध करने वालों में जावेद अख्तरनसीरुद्दीन शाहएडमिरल रामदास जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

इन सभी हस्तियों ने मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन बिल वापस लेने की मांग की है। चिट्ठी में कहा गया है कि, “ये बिल भारत की समावेशी और समग्र दृष्टि की धज्जियाँ उड़ा रहाजिससे भारत को स्वतंत्रता संग्राम में मार्गदर्शन मिला था। सांस्कृतिक और शैक्षणिक समुदायों से हम इस बिल को विभाजनकारीभेदभावपूर्ण और असंवैधानिक मानते हैं। यह भारत के लोकतंत्र को मौलिक रूप से नुकसान पहुंचाएगा।

727 हस्तियों ने पत्र में यह भी लिखा है किये बिल संविधान के साथ एक धोखा है। इसीलिए हम सरकार से इस बिल को तुरंत वापस लेने की मांग कर रहे हैं। ये प्रस्तावित कानून भारतीय गणतंत्र के मूल चरित्र को आधारभूत रूप से बदल देगा और यह संविधान द्वारा मुहैया कराये गए संघीय ढांचे को खतरा पैदा करेगा।

इन हस्तियों के पत्र को लेकर वरिष्ट पत्रकार अजीत अंजुम ने मीडिया पर तंज कसा है। उन्होंने ट्विटर करते हुए लिखा- अब तक ये सब ‘टुकड़े टुकड़े गैंग’, खान मार्किट गैंग , पाकिस्तानी एजेंट घोषित किए गए या नहीं ? अगर नहीं किए गए तो इंतज़ार कीजिए और ये काम मुख्यधारा की मीडिया में भी होगा. जो भी ‘पादुका पूजन’ नहीं करेगा ,असहमति दिखाएगा,वो सब ‘देशद्रोही’ घोषित होगा #CitizenshipAmendmentBill2019

वही ndtv के वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार का कहनाहै कि क देश एक कानून की सनक का क्या हाल होता है उसकी मिसाल है नागरिकता बिल। जब यह कानून बनेगा तो देश के सारे हिस्सों में एक तरह से लागू नहीं होगा। पूर्वोत्तर में ही यह कानून कई सारे अगर मगर के साथ लागू हो रहा है। मणिपुर में लागू न हो सके इसके लिए 1873 के अंग्रेज़ों के कानून का सहारा लिया गया है। वहां पहली बार इनर लाइन परमिट लागू होगा। अब भारतीय परमिट लेकर मणिपुर जा सकेंगे।

इसके बाद भी मणिपुर में इस कानून को लेकर जश्न नहीं है। छात्र संगठन NESO के आह्वान का वहां भी असर पड़ा है। अरुणाचल प्रदेशमिज़ोरम और नागालैंड में यह कानून लागू नहीं होगा। असम और त्रिपुरा के उन हिस्सों में लागू नहीं होगा जहां संविधान की छठी अनुसूचि के तहत स्वायत्त परिषद काम करती है। सिक्किम में लागू नहीं होगा क्योंकि वहां अनुच्छेद 371 की व्यवस्था है। दूसरी और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में चल रहे विरोध प्रदर्शन से पूरे शहर में धारा 144 लागू है और छात्रों ने जुलूस निकाल कर शांति भंग की है, इस वजह से 20 छात्र नेताओं तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

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