मोदी सरकार सिर्फ उद्योगपतियों को कर रही है मालामाल !
रिलायंस कम्युनिकेशन और रिलायंस पावर सहित अनिल अंबानी ग्रुप पर ₹1 लाख करोड़ से ऊपर का कर्ज है, जिसमें से ₹45000 करोड़ का जो कर्ज रिलायंस कम्युनिकेशन को दिया गया था, वह लगभग डूब चुका है. रिलायंस कम्युनिकेशन का शेयर जो ₹1000 हुआ करता था ₹16 पर है. वहीं कभी ₹450 में बिकने वाला रिलायंस पावर ₹40 पर है. इसके अलावा अनिल अंबानी पर कॉर्पोरेट गवर्नेंस के सवालों से लेकर 2 जी में संलिप्तता के आरोप भी लगते रहे है.
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर, रिलायंस डिफेंस या अब बदले हुए नाम रिलायंस नेवल को डिफेंस के क्षेत्र में शून्य अनुभव था. ऐसे में 2015 से 2016 के बीच गुजरात बेस्ड पिपावाव शिपयार्ड का अधिग्रहण रिलायंस डिफेंस करता है और पिपावाव शिपयार्ड रिलायंस डिफेंस बन जाता है.
इसके बाद एक जादू की छड़ी घूमती है और यह कंपनी विश्व की बड़ी महाशक्तियों की चहेती कंपनी बन जाती है, जिसमें मोदी जी निर्णायक मध्यस्थ की भूमिका निभाते हैं. सन 2015 से 2016 के बीच 35 डिफेंस से संबंधित लाइसेंस रिलायंस डिफेंस को मिलते हैं जिसमें 12 लाइसेंस 3 दिसंबर 2015 को एवं 16 लाइसेंस एक साथ 5 मई 2016 को दे दिए जाते हैं. जिसमें मिसाइल बनाने के लाइसेंस भी सम्मिलित है. साथ ही नागपुर में 10 सप्ताह से भी कम समय में 289 एकड़ जमीन हेलीकॉप्टर बनाने के लिए दे दी जाती है. -प्रो अरविन्द वर्मा
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Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…