गुजरात: बहुजनों के लिए लड़ने वाले भानुभाई ने खुद को आग लगाकर किया मौत के हवाले
नई दिल्ली। गुजरात में बीजेपी सरकार पर एक शख्स का मौत का इल्जाम लगा है। बहुजन समाज के हक की आवाज उठाने वाले भानुभाई बनकरने ने पाटण जिले के कलेक्टर आफिस के सामने खुद को आग लगाकर जान दे दी। घटना के बाद से बहुजनों में बेहद आक्रोश हैं। कई संगठनो ने गुजरात बंद का ऐलान किया है।
मामला पाटण के ही दुखदा गांव में रहने वाले एक अनुसूचित जाति के परिवार से जुड़ा है. परिवार 1955 से गांव में सरकारी जगह पर घर बनाकर रहता था. साल 1995 में सरकार ने घर खाली करने को कहा, जिसके बाद परिवार ने उसी घर में रहने की सरकार को अर्जी दी थी. सरकार ने परिवार को 22 हजार रुपये का भुगतान करने को कहा, परिवार के मुताबिक भुगतान किए जाने के बाद भी सरकार ने औपचारिक तौर पर जगह नहीं दी।
इस परिवार को हक दिलाने के लिए भानुभाई ने सरकार को 15 फरवरी तक की मोहलत दी थी और जगह न देने पर परिवार समेत आत्महत्या करने की धमकी दी थी। लेकिन सरकार ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। 15 फरवरी को भानुभाई उस परिवार के साथ कलेक्टर आफिस पहुंचे और वहां सबके सामने खुद को आग के हवाले कर दिया।
सरकारी नौकरी से रिटायर्ड भानुभाई गुजरात के उंझा के रहने वाले थे। अनुसूचित वर्ग से आने वाले भानुभाई ने बहुजनों के लिए संगठन भी बनाया था। अल्पेश ठाकोर ने भानुभाई की आत्मदाह के लिए बीजेपी को जिम्मेदार बताया है। लेकिन सवाल इस बात का है कि आखिर क्यों सरकार गरीबों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है. क्यों कभी व्यापारी, कभी किसान, कभी आम आदमी विरोधी नीतियों की वजह से आत्मदाह करने पर मजबूर है।
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