भीमाकोरेगांव हिंसा के दोनों मास्टरमाइंड पर दर्ज हैं कई क्रिमिनल केस
नई दिल्ली। पूणे के भीमाकोरेगांव से भड़की हिंसा प्रकरण में दो लोगों को मास्टरमाइंड कहा जा रहा है। पहले संभाजी भिड़े जिन्हें भिड़े गुरुजी के नाम से भी जाना जाता है और दूसरे मिलिंद एकबोटे। 2008 में भिड़े का नाम देशभर में चर्चित हुआ था जब उनके समर्थकों ने फिल्म जोधा-अकबर की रिलीज के खिलाफ सिनेमाघरों में तोड़फोड़ की थी। तो वहीं मिलिंद एकबोटे के खिलाफ दंगा भड़काने, अवैध कब्जा करने, धमकाने और दो समुदायों के बीच माहौल बिगाड़ने के 12 मामले दर्ज हैं। इनमें से 5 केस में मिलिंद को दोषी करार भी दिया जा चुका है।
इस तरह दिया हिंसा को अंजाम!
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जा रहा है इस दफा भिड़े और एकबोटे ने ब्राह्मणवादी ताकतों को बहुजनों के खिलाफ इकट्ठा किया। हिंसा भड़काने के अपने मकसद को उन्होंने महार समुदाय के गोविंद गायकवाड़ की समाधि का अपमान करके हासिल किया। पुणे जिले के वधु गांव में स्थित समाधि को निशाना बनाने की उनकी टाइमिंग भी ध्यान देने वाली है। 29 दिसंबर को ही उन्होंने समाधि का अपमान किया, क्योंकि उन्हें पता था कि 1 जनवरी को भीमा-कोरेगांव के योद्ध को 200वीं सालगिरह पर हजारों की तादाद में बहुजन लोग इकट्ठा होंगे।
भीमा-कोरेगांव में उस वक्त हिंसा की शुरुआत हुई, जब हिंदूवादी कार्यकर्ताओं ने गांव से एक जुलूस निकाला। हिंसा की आग जल्द ही पुणे तक पहुंच गई और इसने धीरे-धीरे पूरे राज्य को अपनी चपेट में ले लिया। हालांकि भिड़े और एकबोटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। बताया जा रहा है कि आरएसएस से गहरे संबंध होने के साथ ही दोनों की केंद्र और राज्य सरकार तक अच्छी पहुंच है।
प्राइम टाइम खबर: कौन है भीमाकोरेगांव के मास्टरमाइंड संभाजी भिड़े और मिलिंद एकबोटे?
प्राइम टाइम खबर: इस तरह संभाजी भिड़े और मिलिंद एकबोटे ने दिया भीमाकोरेगांव में हिंसा को अंजाम!
Gepostet von National India News am Donnerstag, 4. Januar 2018
पीएम मोदी ले चुके हैं भिड़े से आशीर्वाद
2014 में जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने की दिशा में अपने अभियान की शुरुआत की, उन्होंने सांगली में भिड़े के घर जाकर उनका पैर छुआ था।
प्रकाश अंबेडकर ने लगाया आरोप
बाबा साहेब के पोते प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि इसके पीछे हिंदू संस्था के मिलिंद एकबोटे ओर सांभाजी भिड़े का हाथ है. प्रकाश अंबेडकर ने आगे कहा कि अगर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो हम आंदोलन करेंगे. हमने ऊना की वारदात सही, कब तक ऐसे और सहते रहेंगे ?
Remembering Maulana Azad and his death anniversary
Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…