मायावती का भीम आर्मी चीफ पर हमला, कहा- UP के बजाए दिल्ली में जबरन प्रदर्शन कर जेल चला जाता है
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भीम पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद पर दलित नेता बनने का नाटक करने का आरोप लगाया। कहा कि दिल्ली में चुनाव होने वाले हैं। इसके चलते वह मौके का फायदा उठाने के लिए नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर विरोध करने जामा मस्जिद पहुंच गए। उन्होंने कहा कि वह बिना पुलिस की इजाजत के प्रदर्शन कर जानबूझकर जेल गए। उन्होंने अपनी पार्टी के लोगों से अपील की कि वे चंद्रशेखर आजाद और उन जैसे अन्य लोगों से सचेत रहें।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर चंद्रशेखर आजाद पर हमला बोला और कहा कि “दलितों का आम मानना है कि भीम आर्मी का चन्द्रशेखर, विरोधी पार्टियों के हाथों खेलकर खासकर बी.एस.पी. के मज़बूत राज्यों में षड़यन्त्र के तहत चुनाव के करीब वहाँ पार्टी के वोटों को प्रभावित करने वाले मुद्दे पर, प्रदर्शन आदि करके फिर जबरन जेल चला जाता है।” एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा “जैसे यह यू.पी. का रहने वाला है, लेकिन CAA/NRC पर यह यू.पी. की बजाए दिल्ली के जामा मस्जिद वाले प्रदर्शन में शामिल होकर जबरन अपनी गिरफ्तारी करवाता है क्योंकि यहां जल्दी ही विधानसभा चुनाव होने वाला है।” एक अन्य ट्वीट में मायावती ने लिखा, “अतः पार्टी के लोगों से अपील है कि वे ऐसे सभी स्वार्थी तत्वों, संगठनों व पार्टियों से हमेशा सचेत रहें। वैसे ऐसे तत्वों को पार्टी कभी लेती नहीं है, चाहे वे कितना प्रयास क्यों ना कर ले?”
भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद ने शनिवार को दिल्ली की जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक विरोध मार्च निकाला था। हालांकि उन्होंने पुलिस से इसकी इजाजत मांगी थी, लेकिन मिली नहीं थी। बाद में पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और देर शाम उन्हें गिरफ्तार कर लिया। आजाद ने अपनी गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कहा था कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि उन्होंने जामा मस्जिद पर जमा भीड़ को दिल्ली गेट जाने के लिए उकसाया था, जहां पहुंचकर प्रदर्शनकारी उग्र हो गए थे।
चंद्रशेखर ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ जमानत याचिका दाखिल की थी, लेकिन पुलिस ने कोर्ट से उनको 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारित करते हुए उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने दलील दी थी कि भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाना जरूरी है।
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