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Social - State - February 2, 2018

राजस्थान और पश्चिम बंगाल के उपचुनावों की हार बीजेपी के लिए बुरे संकेत?

नई दिल्ली। इधर मोदी सरकार ने जनता को लुभाने के लिए लोकसभा में आम बजट पेश किया तो उधर उपचुनाव में बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया। जी हां हम बात कर रहे हैं राजस्थान और पश्चिम बंगाल में हुए उपचुनाव की। राजस्थान में दो लोकसभा और एक विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को जबरदस्त शिकस्त दी है. अजमेर और अलवर लोकसभा सीटों पर कांग्रेस ने बीजेपी को काफी वोटों के अंतर से हरा दिया है. अलवर सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. करण सिंह यादव ने बीजेपी के जसवंत सिंह यादव को करीब 196496 वोटों के अंतर से हरा दिया.

वहीं अजमेर लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रघु शर्मा ने राम स्वरूप लांबा को करीब 80 हजार वोटों के अंतर से हरा दिया. आपको बता दें कि इन दोनों लोकसभा की सीटों पर शुरू से ही कांग्रेस ने बढ़त बनाए रखी.

इससे पहले राजस्थान की मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस ने बीजेपी को हरा दिया है और 12976 वोटों के अंतर से जीत दर्ज कर ली. राजस्थान निर्वाचन आयोग के अनुसार, मांडलगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी विवेक धाकड़े को जीत मिली है. धाकड़े ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी प्रत्याशी शक्ति सिंह हाडा को 12,976 मतों के अंतर से हराया है।

वहीं, पश्चिम बंगाल में टीएमसी यानी की तृणमूल कांग्रेस के सजदा अहम ने उलबेरिया लोकसभा सीट से उपचुनाव में बीजेपी के कैंडिडेट को हरा दिया है. सजदा अहमद 4 लाख 74 हजार पांच सौ दस वोटों से जीत गये हैं. वहीं बीजेपी यहां दूसरे नंबर पर काबिज रही, जिसे 2 लाख 93 हजार 46 वोट मिले. नवपाड़ा विधानसभा सीट भी टीएमसी ने जीत ली है. इस तरह से टीएमसी ने दोनों सीटें जीत लीं और उधर राजस्थान में कांग्रेस ने तीनों सीटें जीत लीं. वहीं ऐसे में सवाल इस बात का है कि क्या अब मोदी लहर की उल्टी गिनती शुरु हो गई हैं, क्या 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बुरे परिणामों का सामना करना पड़ सकता है ? नतीजों से तो यही साबित होता है कि सबका साथ-सबका विकास का दावा करने वाली बीजेपी सरकार जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रही है?

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