कैसे ढोंग साबित हुआ BJP का बहुजन प्रेम ?
By- Aqil Raza
पीएम मोदी के निर्देश के बाद भारतीय जनता पार्टी के सांसद और विधायक बहुजन बहुल गांवों में जाकर बहुजनों से ना केवल बातचीत कर रहे हैं. बल्कि उनके घऱ खाना भी खा रहे हैं। बहुजनों के मुद्दों पर घिरी हुई बीजेपी इन दिनों उन्हें मनाने की कोशिश कर रही है. यूपी सरकार में कई मंत्री बहुजनों के घर जाकर खाना खा रहे हैं, खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ऐसा ही किया था. लेकिन इस बार योगी सरकार के एक मंत्री की वजह से उनकी इस प्रेम कथा पर सवाल खड़े हो गए हैं।
योगी सरकार में राज्य मंत्री सुरेश राणा मंगलवार को जब अलीगढ़ में एक बहुजन के घर खाना खाने पहुंचे तो बढ़े ही लाव-लश्कर के साथ होटल से शाही खाना मंगाकर खाया. बहुजनों के साथ जुड़ा रहने की छवि बनाने में जुटी यूपी सरकार के लिए ये दांव उल्टा पड़ गया. इतना ही नहीं बीजेपी की ओर से कोशिश है कि सरकार के मंत्री बहुजनों के घर ही रात गुजारें. लेकिन, सुरेश राणा सामुदायिक केंद्र में रुके जहां उनके आराम के लिए पूरा इंतजाम किया गया था.
बहुजनों के घर खाना खाने को लेकर बीजेपी अपने ही दांव में फंसती हुई नज़र आ रही है। वहीं केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने बहुजनों के साथ भोजन करने से मना कर दिया। छतरपुर के नौगांव के ददरी गांव में पहुंची उमा भारती ने मंच से कहा कि मैं बहुजनों के यहां भोजन करने नहीं जाती, और मैं इसका विरोध भी नहीं करती.. उन्होंने कहा कि वो अलग से भोजन करने जाती हैं या बहुजन वर्गों के लोगों को घर बुलाकर अपने घर में भोजन कराती हैं, और वो भी टेबल पर बिठाकर।
उमा भारती यहीं नहीं रुकी उन्होंने कहा कि हम कोई भगवान राम नहीं हैं जो उनके साथ बैठकर भोजन करेंगे तो वो पवित्र हो जाएंगे। ऊमा ने आगे कहा कि मैं अपने को भगवान राम नहीं मानती, कि शबरी के घर जाकर खा लिया तो बहुजन पवित्र हो गए। अब ऐसे में सवाल इस बात का है कि क्या उमा भारती आज भी बहुजन समाज के लोगों को अपवित्र मानती हैं…अगर ऐसा नहीं है तो फिर बहुजनों के पवित्र होने की दलीलें क्यों दे रही हैं।
इसी कड़ी में यूपी के मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह मंगलवार को झांसी पहुंचे। यहां राजेंद्र प्रताप ने गढ़मऊ गांव में पहले चौपाल लगाया और फिर एक बहुजन परिवार के घर रात का खाना भी खाया। बहुजन के घर भोजन करने के बाद मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि ‘राम और सबरी का संवाद रामायण में है।
इस दौरान राजेंद्र सिंह ने इसकी तुलना राम शबरी से भी कि उन्होंने कहा कि डाक बंगले की घी से चुपड़ी रोटी मत खाइए। जरा जाइए ‘राम के शबरी’ के यहां उसकी सुखी रोटी में कितना दम है उसे मुंह से पेट में डालकर अंदाजा लगाइए उसमें कितनी उर्जा मिलती है और कितनी शक्ति मिलती है। लकिन मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह के हिसाब से राज्य मंत्री सुरेश राणा ने वो ताकत वो ऊर्जा खो दी क्योंकि उनका खाना तो बाहर के किसी होटल से आया था…साथ में बीमारी के डर से प्यूरिफाइड पानी भी मंगवाने की बात सामने आ रही है।
ये बात अलग है कि बहुजन चाहे उद्धार हो रहा हो लेकिन आपके पहुंचने पर वो आपको खाना परोस रहा है…जैसा कि मंत्री जी ने बताया कि ज्ञानजी की मां ने मुझे रोटी परोसी तो उन्होंने कहा कि मेरा उद्धार हो गया। अब वो बात अलग है कि ये बहुजन या कोई भी गरीब जब आपके पास किसी काम को लेकर आते हैं तो उस समय आपका क्या जवाब होता है…या कितना खुश होकर आप इन लोगों की मदद करते हो।
इससे पहले जब सीएम योगी खाना खाने गए थे तब भी काफी विवाद मचा था, कहा जा रहा था कि उनकी रोटियां सरकार में मंत्री स्वाति सिंह ने बनाई थी… गौरतलब है कि स्वाति सिंह ठाकुर जाति से आती हैं, तो फिर जिस शक्ति और ऊर्जा कि राजेद्र सिंह बात कर रहे हैं वो ऊर्जा तो उन्होंने भी गवा दी…क्योंकि वो रोटि भी शवरी के हाथ कि नहीं थी…खैर सीएम योगी के इस दौरे से काफी विवाद मचा था..कुछ लोगों ने बर्तन और रसोइये भी साथ में लाने की बाते कही थी।
वहीं बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने भी सीएम योगी पर निशाना साधा था और सीएम योगी के इस प्रेम को ढोंगी प्रेम करार दिया था। लेकिन इन सारी बातों कि हकीकत एक ही निकलकर सामने आती है कि अगर आप किसी समुदाय से मोहब्बत करते हो..तो उसकी कदर करना बहुत ज़रूरी है…वरना फिर मोहब्बत ढोंग कहलाई जाती है।
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