Home Social हिंदुत्व का विरोध है विकास और भारतीयता का विरोध- सीएम योगी आदित्यनाथ
Social - Uttar Pradesh & Uttarakhand - November 14, 2017

हिंदुत्व का विरोध है विकास और भारतीयता का विरोध- सीएम योगी आदित्यनाथ

By- Aqil Raza

उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर तैयारियां जोरो से चल रही हैं… निकाय चुनाव में सभी पार्टीयां अपनी दावेदारिया पेश कर रही हैं. वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने अजीबो-गरीब बयान देकर सबको सोचने पर मजबूर कर दिया. योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि हिंदुत्व और विकास एक दूसरे के विरोधी नहीं बल्कि पूरक हैं जो लोग हिंदुत्व का विरोध करते हैं, वे भारतीयता का विरोध करते हैं।

सीएम ने एक न्यूज चैनल से इंटरव्यू के दौरान कहा कि “हिंदुत्व और विकास एक दूसरे के विरोधी नहीं बल्कि पूरक हैं. हिंदुत्व किसी जाति, मजहब या धर्म का नहीं बल्कि राष्ट्रीयता का प्रतीक है. जो लोग हिंदुत्व का विरोध करते हैं, वे दरअसल भारतीयता का विरोध करते हैं और विकास का विरोध करते हैं।

निकाय चुनाव में अपनी रैलियों का आगाज अयोध्या से करने पर सीएम योगी ने कहा, “अयोध्या हम सब की आस्था का केंद्र है. अयोध्या से शुभारंभ पर सवाल उठाने वाले राजनीति न करें. अयोध्या समेत पूरे प्रदेश के 652 नगर इकाईयों में चुनाव होने हैं. तो अयोध्या जाने का मतलब हुआ जहां जाने के बाद युद्ध की कोई संभावना ही न हो. सभी नगर इकाईयों के चुनाव परिणाम बीजेपी के पक्ष में आए, इसलिए अयोध्या से चुनाव प्रचार की शुरुआत करने जा रहा हूं.”

योगी ने कहा कि दीपावली अयोध्या से जुड़ी हुई थी। हमारी सरकार ने प्रयास किया कि दीपावली के इस पर्व को अयोध्या के साथ जोड़ा जाए। उन्होंने बताया कि पिछले सात महीने के कार्यकाल में पूरे अयोध्या के विकास के लिए एक विस्तृत खाका तैयार किया है। 137 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास किया है और बड़ी परियोजनाएं अयोध्या के लिए तैयार की हैं। विकास की योजनाओं के लिए पर्याप्त पैसा केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार भी दे रही है। यह पैसा वास्तव में जमीन तक पहुंचे इसके लिए नगर निकाय चाहिए।

फिलहाल सीएम ने ये साफ दर्शा दिया है कि वो अपनी राजनीति हिंदुत्व के एजेंडे के सहारे ही करेंगे, लेकिन सवाल इस बात का है कि क्या आम जनता को विकास की तरफ देखने के लिए हिंदुत्व को समझना होगा ? या फिर अपना भारतीय होने का सबूत हिंदुत्व की विचारधारा पर चलकर देना पड़ेगा ? सवाल इस बात का भी है कि भारतीय होने के नाते हमें देश के विकास के लिए सोचना जरूरी है या फिर धार्मिक विचारधाराओं को ?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

Remembering Maulana Azad and his death anniversary

Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…