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Social - State - November 26, 2017

संविधान दिवस: डॉ बीआर अंबेडकर ने इस तरह तैयार किया था हमारे देश का संविधान!

By: Sushil Kumar

26 नवंबर 1949 को हमारे देश का संविधान तैयार हो गया था। 2 साल 11 महीने 18 दिन में बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर ने कड़ी मेहनत के बाद संविधान को पूर्ण रुप दिया था। डॉ भीमराव अंबेडकर ने आज ही के दिन संसद में संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद को संविधान सौंप दिया था।

सभी बाधाओं को लाँगकर जब बाबा साहेब संविधान सभा का सदस्यता चुनाव जीत गये तब उनकी प्रतिभा को देखकर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने डॉ. अम्बेडकर को बताया कि उन्हें संविधान ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्‍यक्ष बनाया गया है और कहा कि संविधान बहुत आसान और अच्‍छा बने तब डॉ. भीमराव अम्‍बेडकर ने कहा ”आपकी आज्ञा का पालन होगा, राष्‍ट्रपति महोदय” !

संविधान बनाने वाली कमटी में सात सदस्‍य थे। उनमें से अचानक एक की मौत हो गई। एक सदस्‍य अमेरिका में जाकर रहने लगे और एक सदस्‍य ऐसे जिनको सरकारी काम काज से ही अवकाश नहीं मिल पाता था। इनके अलावा दो सदस्‍य ऐसे थे जो अपना स्‍वास्‍थय ठीक न रहने के कारण वो हमोशा दिल्‍ली से बाहर रहते थे। इस तरह ड्राफ्टिंग कमेटी के पाँच सदस्य ऐसे थे जो समिति के कार्यों में सहयोग नहीं दे पाए थे।

डॉ. भीमराव अम्‍बेडकर ही एक ऐसे सदस्‍य थे, जिन्‍होंने अपने कंधों पर ही संविधान निर्माण का कार्यभार संभाला था। जब संविधान बन गया तब एक-एक प्रति डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद और पंडित जवाहर लाल नेहरू को दी । उन्‍हें संविधान, सरल और अच्‍छा लगा । सभी लोग डॉ. अम्‍बेडकर की तारीफ करने लगे और बधाईयाँ देने लगे। एक सभा का आयोजन किया गया । जिसमें डा. राजेन्‍द्र प्रसाद ने कहा- ”डा. भीमराव अम्‍बेडकर अस्‍वस्‍थ थे, फिर भी बड़ी लगन, मन और मेहनत से काम किया । वो सचमुच बधाई के पात्र हैं । ऐसा संविधान शायद दूसरा कोई नहीं बना पाता, हम इनके आभारी रहेंगे ।”

पंडित नेहरू ने अपने भाषण में काहा ”डा. भीमराव अम्‍बेडकर संविधान के शिल्‍पकार हैं, नया संविधान इनकी देन है। इतिहास में इनका नाम स्‍वर्ण-अक्षरों में लिखा जाएगा । वो महापुरूष हैं । जब तक भारत का नाम रहेगा, तब तक अम्‍बेडकर का नाम भी भारतीय संविधान में हमेशा जुड़ा रहेगा ।”

25Nov 1949 को बाबा साहेब ने संविधान सभा में भाषण देते हुए कहा था कि संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो वो अपने आप लागू नहीं होता है, उसे लागू करना पड़ता है। ऐसे में जिन लोगो के ऊपर संविधान लागू करने की जिम्मेदारी होती है, यह उन पर निर्भर करता है कि वो संविधान को कितनी इमानदारी और प्रभावी ढंग से लागू करते है।

26 जनवरी सन् 1950 के दिन यह नया संविधान भारतीय जनता पर लागू किया गया। उस दिन गणतंत्र दिवस का समारोह मनाया गया। वही संविधान हमारे देश में आज भी लागू है।

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