कोरोना के खिलाफ आदिवासी महिलाएं बनी ढाल, PPE किट बनाकर दिया अहम योगदान
देश में कोरोना की महामारी बढ़ती ही जा रही है, जिससे भय का माहौल कायम है. लेकिन इसी बीच सबसे ज्यादा खतरा डॉक्टरों पर मंडरा रहा है. जिसकी वजह से देश में डॉक्टरों के लिए पीपीई किट का अभाव भी है. लेकिन पीपीई किट के बनाने को लेकर एक अच्छी खबर सामने आई है. पीपीई किट के अभाव को देखते हुए आदिवासी महिलाओं ने इसे बनाने की पहल की है.
जी हां, देश में पीपीई किट बनाने का प्रोसेस शुरु हो चुका है. और ये काम राजस्थान के डूंगरपुर जिले की आदिवासी महिलाएं कर रही है. उनके इस काम ने डॉक्टरों की चिंता को कम कर दिया है जो बेहद ही सराहनीय है. यहां करीब हजार महिलाएं इस किट को बनाने में अपना योगदान दे रही है. जिससे डॉक्टरों की किट बनने में इजाफा हुआ है और अब लगभग एक दिन में 2 से 3 लाख पीपीई किट बनकर तैयार हो रहे है. इस तरह से अब ये महिलाएं भी कोरोना वॉरियर्स की तरह उभर कर सामने आई है.
गौरतलब है कि इन हजार आदिवासी महिलाओं में कुछ महिलाएं ऐसी भी है जो अकेली कमाने वाली है. जिसकी वजह से उनकी रोजी-रोटी चल रही है. ऐसे भी अच्छी बात ये है कि इनको रोजगार भी मिल रहा है. अब ये अपने साथ-साथ देश के लिए भी गर्वित काम कर रही है.
बता दें कि देश में आदिवासियों को पिछड़े वर्ग में गिना जाता है. लेकिन आज यही आदिवासी महिलाएं देश के डॉक्टर्स योद्धाओं की जान की रक्षा के लिए अपना योगदान पीपीई किट बना कर दे रही है. जो देश के लिए गौरव की बात है.
(अब आप नेशनल इंडिया न्यूज़ के साथ फेसबुक, ट्विटर और यू-ट्यूब पर जुड़ सकते हैं.)
बालेश्वर यादव की पूरी कहानी !
By_Manish Ranjan बालेश्वर यादव भोजपुरी जगत के पहले सुपरस्टार थे। उनके गाये लोकगीत बहुत ही …