आज के ऐतिहासिक दिन पर ज्योतिबा फुले-सावित्री फुले को नमन!
आज ऐतिहासिक दिन है. 3 जुलाई 1851 को महात्मा ज्योतिबा फुले और माता सावित्री फुले ने पुणे के चिपलनकुरवाड़ा में देश के पहले महिला विद्यालय की स्थापना की. जिसमें पहले दिन 8 लड़कियों को प्रवेश दिया गया, ताकि महिलाओं को भी शिक्षा मिल सके.
दरअसल, उस दौर में एक अलग सोच रखने वाली ज्योतिबा दंपत्ति का मानना था कि जिस घर में पुरुष शिक्षित होता है उस घर में एक ही सदस्य शिक्षित होता है परंतु जिस घर में महिला शिक्षित हो जाती है उस घर में सारा परिवार शिक्षित हो जाता है.
महात्मा जोतिराव गोविंदराव फुले (11 अप्रैल 1827 – 28 नवम्बर 1890) एक भारतीय समाज सुधारक, समाज प्रबोधक, विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे. इन्हें महात्मा फुले एवं ज्योतिबा फुले के नाम से भी जाना जाता है.
बता दें कि सितम्बर 1873 में इन्होंने महाराष्ट्र में सत्य शोधक समाज नामक संस्था का गठन किया. महिलाओं व दलितों के उत्थान के लिय इन्होंने अनेक कार्य किए. समाज के सभी वर्गो को शिक्षा प्रदान करने के ये प्रबल समथर्क थे. वे भारतीय समाज में प्रचलित जाति पर आधारित विभाजन और भेदभाव के विरुद्ध थे.
आज के इस ऐतिहासिक दिन पर उन्हें याद करते हुए डॉ मनीषा बांगर ने कहा है कि राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले और माता सावित्री फुले दंपत्ति को *सत सत नमन।
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