कानपूर: 57 कोरोना, अनेक एड्स पॉझिटिव्ह मुली आढळल्या ! योगी बॉक्समध्ये.
यूपीच्या कानपूरमधील शासकीय गृहनिर्माणगृहात कोरोनाचा विषाणू पसरला आहे., येथे बंद करा 57 कैद्यांना कोरोनाची लागण झाली आहे. यानंतर जिल्हा प्रशासनात खळबळ उडाली आहे., साथ ही कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस मसले पर राज्य सरकार पर निशाना साधा है और इसे घोर लापरवाही बताया है। रविवार को ही प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस मसले पर बयान दिया. त्यांनी लिहिले, ‘कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह में 57 बच्चियों को कोरोना की जांच होने के बाद एक तथ्य आया कि 2 बच्चियां गर्भवती निकलीं और एक को एड्स पॉजिटिव निकला’
प्रियंका गांधी ने लिखा कि मुजफ्फरपुर के बालिका गृह का पूरा किस्सा देश के सामने है. यूपी में भी देवरिया से ऐसा मामला सामने आ चुका है. ऐसे में पुनः इस तरह की घटना सामने आना दिखाता है कि जांच के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में बहुत ही अमानवीय घटनाएं घट रही हैं।
खरंच, बालिका गृह में जब कोरोना वायरस के मामले सामने आए है, तो कुछ चौंकाने वाली बातें भी पता चलीं. यहां पर जांच के दौरान मालूम पड़ा कि 7 बालिकाएं गर्भवती हैं, उनमें से कुछ कोरोना वायरस भी है।

इस मसले पर अब प्रशासन की ओर से सफाई भी दी गई है. विवाद पर कानपुर डीएम ने ट्वीट किए, उन्होंने लिखा कि कानपुर संवासिनी गृह में कोरोना पॉज़िटिव मामलों में से दो गर्भवती लड़कियों की खबर के बारे में यह स्पष्ट करना है कि ये पॉक्सो एक्ट के तहत CWC आगरा तथा कन्नौज के आदेश से दिसंबर 2019 में यहां संवासित की गई थीं और तत्समय किए गए मेडिकल परीक्षण के अनुसार ये पहले से गर्भवती थीं.

डीएम ने ट्वीट किया कि कुछ लोगों द्वारा कानपुर संवासिनी गृह को लेकर ग़लत उद्देश्य से पूर्णतया असत्य सूचना फैलाई गई है. आपदाकाल में ऐसा कृत्य संवेदनहीनता का उदाहरण है। कृपया किसी भी भ्रामक सूचना को जांचे बिना पोस्ट ना करें, जिला प्रशासन इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई हेतु लगातार तथ्य एकत्र कर रहा है।
वही इस मामले को लेकर अखीलेश यादव ने अपने फेसबुक लाइव लिखा कि कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह से आई ख़बर से उप्र में आक्रोश फैल गया है। कुछ नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने का गंभीर खुलासा हुआ है, इनमें 57 कोरोना से व एक एड्स से भी ग्रसित पाई गयी है, इनका तत्काल इलाज हो औऱ सरकार शारीरिक शोषण करनेवालों के ख़िलाफ़ तुरंत जाँच बैठाए ।
इससे पहले भी कई चौकाने वाले मामले सामने आ चूके है । आपको बिहार के मुजफ्फरपुर के बालिका गृह का पूरा किस्सा याद ही होगा। जहां बिहार के मुजफ्फरपुर, छपरा, हाजीपुर समेत अन्य जगहों के बाल गृहों में यौन शोषण के आरोपों ने तूफान मचा दिया था। उस समय इसकी गूंज संसद में भी सुनाई पड़ी, तब सांसद पप्पू यादव ने केंद्र सरकार से मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग भी की थी। साथ ही दूसरी तरफ मुजफ्फरपुर के बालगृह में एक लड़की की हत्या कर उसके शव को दफनाने की शिकायत पर उसके परिसर की खुदाई भी की गई थी । इस मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। शहर के सीनियर पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर ने 29 लड़कियों के साथ रेप की पुष्टि की थी।
पुरे मामले को लेकर आरजेडी के प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि लड़कियों की सप्लाई की जाती थी और विरोध करने पर उनकी हत्या की गई होगी। वहीं राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेज प्रताप यादव ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की हालत बुरी है। तेज प्रताप के छोटे भाई और राज्य के पूर्व उपमुख्य मंत्री तेजस्वी यादव ने कहा था कि सरकार की नाक के नीचे इतनी बड़ी घटना हो गई और ये कुछ नहीं कर पाए।
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा था इस मामले को लेकर कि बिहार के बाल सुधार गृह में महिलाओं के साथ सालों से अत्याचार हो रहा है। सरकार हाथ पर हाथ धरकर बैठी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार में बैठे लोग भी इस मामले में संलिप्त हैं। सरकार उनको बचाने का काम कर रही है।
इस मामले को लेकर विधानसभा और विधानसभा परिषद में भी विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया था। ऐसे में अब कानपुर से यें चौकाने वाला मामला सामने आना योगी सरकार को कटघरे में खड़ी करती है।
(आता राष्ट्रीय भारत बातम्याफेसबुक, ट्विटर आणिYouTube आपण कनेक्ट करू शकता.)