Home Social दूसरी बार इंटरनेशनल कोर्ट के जज चुने गए दलवीर भंडारी, जानिए क्या है इस जीत के मायने ?
Social - State - November 21, 2017

दूसरी बार इंटरनेशनल कोर्ट के जज चुने गए दलवीर भंडारी, जानिए क्या है इस जीत के मायने ?

संयुक्‍त राष्‍ट्र: जस्टिस दलवीर भंडारी को हेग स्थित अंतरराष्‍ट्रीय न्‍यायालय (ICJ) के लिए दोबारा चुन लिया गया है. उनका मुकाबले ब्रिटेन के जस्टिस क्रिस्‍टोफर ग्रीनवुड से था. लेकिन ब्रिटेन को संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा में अपेक्षित समर्थन नहीं मिला. लिहाजा ब्रिटेन ने अंतिम समय में उनकी उम्‍मीदवारी वापस ले ली. इस प्रकार बहुमत के समर्थन से जस्टिस दलवीर भंडारी (70) को लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए आईसीजे के लिए चुना गया. चुने जाने के बाद जस्टिस भंडारी ने कहा कि मैं उन सभी देशों को आभारी हूं जिन्‍होंने मेरा समर्थन किया. आप सभी जानते हैं कि यह मुकाबला काफी बड़ा था.

जस्टिस दलवीर भंडारी को जनरल असेंबली में 183 वोट मिले, जबकि सुरक्षा परिषद में उन्हें सारे 15 वोट मिले। उनका मौजूदा कार्यकाल फरवरी 2018 में समाप्त होगा और अब वो अगले नौ सालों के लिए दोबारा नियुक्त किए गए हैं।

 

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने –

राजस्थान के जोधपुर में 1 अक्टूबर 1947 को जन्मे दलवीर भंडारी के पिता और दादा राजस्थान बार एसोसिएशन के सदस्य थे। जोधपुर विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने 1973 से 1976 तक राजस्थान उच्च न्यायालय में वकालत की।

इसके बाद दिल्ली में दलवीर वकालत करने के लिए चले गए और यहां वर्ष 1991 में दिल्ली उच्च न्यायालय के जज बन गए। अक्टूबर 2005 में वह मुंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने। वह भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश रह चुके हैं।

पद्मभूषण से सम्मानित जस्टिस दलवीर भंडारी ने 19 जून 2012 को पहली बार इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के सदस्य की शपथ ली थी। इससे पहले वह भारत में विभिन्न अदालतों में 20 वर्ष से अधिक समय तक उच्च पदों पर रह चुके हैं।

आईसीजे में अपने कार्यकाल के दौरान भंडारी ने 11 मामलों में अपना व्यक्तिगत निर्णय दिया। इसमें समुद्री विवाद, अंटार्कटिका में व्हेल पकड़ने, नरसंहार के अपराध, परमाणु निरस्त्रीकरण, आतंकवाद के वित्तपोषण और सार्वभौमिक अधिकारों का उल्लंघन शामिल हैं।

1994 से ही जस्टिस भंडारी इंटरनेशनल लॉ ऐसोसिएशन, इंडिया चैप्टर के सदस्य रहे हैं। वर्ष 2007 में वह सर्वसम्मति से इंडिया इंटरनेशनल लॉ फाउंडेशन के अध्यक्ष चुने गए। जस्टिस दलवीर भंडारी ने एक पुस्तक भी लिखी है- ‘ज्यूडीशियल रिफॉर्म्स : रीसेंट ग्लोबल ट्रेंड्स’।

दलवीर की जीत के मायने –

भंडारी की जीत भारत के लिहाज से काफी अच्छी है, क्योंकि पाकिस्तान में बंद कुलभूषण जाधव का मामला भी अंतर्राष्ट्रीय अदालत में चल रहा है।

भारत की लोकतांत्रिक तरीके से हुई इस जीत ने वीटो की शक्ति रखने वाले पांच स्थाई सदस्यों ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस, और अमेरिका पर भारत का दबदबा कायम कर दिया है।

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