जम्मू में सवर्णों के लिए अलग श्मशान का अनुसूचित जाती ने किया विरोध
जम्मू जो भारतीय राजनीति का चर्चित विषय रहा है। अब वहां से जातिगत भेदभाव की गंध भी उठने लगी है। जम्मू के बिश्नाह तहसील के चुनिया ब्राह्म्ण गांव में सवर्णों के लिए अलग श्मशान बन रहा है। जिसका बहुजनों द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा है।
उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्मशान का मसला उठाया था। उस वक्त उनका बयान बड़ी सुर्खियां बना था पर अब उनके बताये रास्ते पर एक कदम और चलते हुए भाजपा के एक सांसद ने सवर्णों के लिए अलग श्मशान शेड बनवाने की तैयारी कर
दी है।
स्थानीय पूर्व नंबरदार तिलक राज के मुताबिक बिश्नाह तहसील के चुनिया ब्राह्मण गांव में ब्राह्मण और दलित जाति के लोग लगभग बराबर की संख्या में वास करते हैं। यहां पहले से एक श्मशान है। यहां 2016 में नेशनल कांफ्रेंस के विधायक ने एक शेड का निर्माण कराया गया था। इसका इस्तेमाल सभी जातियों के लोग करते थे। लेकिन स्थानीय सांसद जुगल किशोर शर्मा संसदीय क्षेत्र विकास निधि से इस गांव में एक और श्मशान बनवा रहे हैं। इसकी शुरूआत बीते 18 फरवरी को की गयी। इसका इस्तेमाल केवल ऊंची जातियों के लोग कर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि इसके लिए तीन लाख रुपए की राशि आवंटित की गयी है। जबकि श्मशान स्थल पर पूर्व में एक शेड है। पूर्व के शेड से नये निर्माणाधीन शेड की दूरी केवल 20 फीट है।
भाजपा सांसद द्वारा बनवाये जा रहे नये श्मशान शेड को लेकर गांव के दलितों में आक्रोश है। स्थानीय पूर्व सरपंच मनोहर लाल मोट्टोन के मुताबिक भाजपा सांसद आरएसएस की उस नीति का अनुसरण कर रहे हैं जिसके आधार पर वे जीते जी लोगों को जाति के आधार पर बांटते ही हैं, अब मरने के बाद भी बांटने की साजिश कर रहे हैं जो आज के भारत का एक शर्मनाक चेहरा है।
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