डॉ. अंबेडकर के नाम के साथ ‘राम’ का नाम जोड़ने के पीछे योगी सरकार की क्या साजिश?
By- Aqil Raza
मोदी सरकार में मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के संविधान बदलने वाले बयान के बाद अब यूपी में बाबा साहेब के नाम को लेकर नया मामला सामने आया है। बीजेपी सत्ताहीन राज्य यूपी में अब संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का नाम बदला जाएगा. बताया जा रहा है कि भीमराव अंबेडकर के नाम के साथ अब उनके पिता ‘रामजी मालोजी सकपाल’ का नाम भी जोड़ा जाएगा.
राज्यपाल राम नाइक की सलाह के बाद इस फैसले को लिया गया है. अब उनका नाम ‘डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर’ होगा. आपको बता दें कि राज्यपाल रामनाइक ने इसको लेकर 2017 में एक कैंपेन चलाया था. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी खत लिखा था.
इस मामले में अब उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश दे दिए हैं, जिसके बाद आधिकारिक रूप से नाम बदलकर डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर हो जाएगा. लेकिन समझने वाली बात ये है कि बाबा साहेब का नाम बदलकर ही उनको समझा जाए ये जरूरी नहीं है, बल्कि उनको समझने के लिए उनके विचारों को समझना बेहद ज़रूरी है।
आपको बता दें की बाबा साहेब ने हिंदू धर्म को छोड़कर बाद में बोद्ध धर्म अपना लिया था। बाबा साहेब को अपना मसीहा मानने वाले बहुजन समाज के लाखों लोगों ने भी उनके साथ बोद्ध धर्म को अपना लिया था। ये वो तपका है जो बाबा साहेब को ही अपना भगवान मानता है। लेकिन बीजेपी हिंदुत्व के नाम पर सियासत करती आई है।
अब जब योगी सरकार में राम का नाम बाबा साहेब के नाम के साथ जोड़ा जा रहा है तो इसका क्या मकसद हो सकता है। क्या ऐसे में ये माना जाए की राम का नाम बाबा साहेब के साथ जोड़कर उस तबके को अपनी और खीचने की कोई सियासी चाल है।
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