डोभाल एंड संस का पाकिस्तानी बिज़नस और पुलवामा की चर्चा क्यों नहीं हो रही ??
Published by- Aqil Raza
By- Dr. Manisha Bangar ~
अजीत डोभाल देश के ऐसे नौकरशाह बन चुके हैं जो ‘शाहों’ से बढ़कर हैसियत रखते हैं। जब हम शाहों की बात कर रहे हैं तो हमारा पर्याय उनसे है जो सत्ता के गलियारे में खुद को रसूखवाला मानते हैं। वे एक बार फिर चर्चा में हैं।
ताजा मामला यह है कि जहां एक तरफ देश में भाजपा और संघ के लोग युद्धोन्माद फैला रहे हैं ताकि लोकसभा चुनाव में फायदा मिल सके वहीं दूसरी ओर अजीत डोभाल जो कि देश के राष्ट्रीय सुरक्षा आयुक्त हैं, उनके पुत्र कथित दुश्मन राष्ट्र पाकिस्तान में बिजनेस फैला रहे हैं।
डोभाल एंड संस के मामले में चर्चा नहीं होती अगर पुलवामा में 14 फरवरी को 40 जवान नहीं मारे गए होते। इस मामले की जांच एनआईए कर रही है, जिस पर प्रत्यक्ष नियंत्रण अजीत डोभाल है, इसलिए सवाल तो उठने ही चाहिए। आखिर क्या वजह रही कि ढाई हजार से अधिक सीआरपीएफ के जवान जब जम्मू से श्रीनगर जा रहे थे तब इंटेलीजेंस के लोग कान में तेल डालकर सोए थे? सवाल यह भी है कि कहीं उन्हें सोने के लिए कहा तो नहीं था और यह कहने वाला कोई उच्च पदाधिकारी तो नहीं था? जाहिर तौर पर सवाल के जद में अजीत डोभाल भी आते हैं।
बहरहाल, अजीत डोभाल को अपनी देशभक्ति की पवित्रता का सबूत तो देनी ही चाहिए। हम अग्नि परीक्षा की बात नहीं कर रहे हैं जैसा कि सवर्णों के अराध्य राम ने सीता को यौनिक पवित्रता का सबूत देने के लिए बाध्य किया था।
~ डॉ मनीषा बांगर
सामाजिक राजनितिक चिंतक, विश्लेषक एवं चिकित्सक.
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पीपल पार्टी ऑफ़ इंडिया-डी ,
पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बामसेफ
बाबा साहेब को पढ़कर मिली प्रेरणा, और बन गईं पूजा आह्लयाण मिसेज हरियाणा
हांसी, हिसार: कोई पहाड़ कोई पर्वत अब आड़े आ सकता नहीं, घरेलू हिंसा हो या शोषण, अब रास्ता र…