GDP पर सच हुई मनमोहन सिंह की बात!
नई दिल्ली। नोटबंदी सुपर फ्लॉप हो गई है. ऐसा हम अपनी तरफ से नहीं कह रहे हैं बल्कि खुद आरबीआई ने कहा है कि नोटबंदी के बाद 500 और 1000 रुपये के करीब 99 प्रतिशत नोट वापस आए हैं. मोदी ने नोटबंदी के बाद कहा था कि इससे देश का काला धन बाहर आएगा. अब देश का मामूली से मामूली पढ़ा लिखा इंसान भी आरबीआई के इन आंकड़ों को देख कर सब कुछ समझ सकता है. बहरहाल नोटबंदी के सुपर फ्लॉप होने के बाद मोदी सरकार को एक और बड़ा झटका लगा है. जी हां इस फाइनेंशियल ईयर की पहली तिमाही के दौरान जीडीपी में भारी गिरावट दर्ज की गई है.
अप्रैल से जून की तिमाही में विकास दर घटकर 5.7 फ़ीसदी पर आ गई है. नोटबंदी और जीएसटी की वजह से असंगठित क्षेत्र को ज़बरदस्त धक्का लगा है. मोदी सरकार के दावे के बावजूद आर्थिक विकास दर लुढ़क रही है.
आर्थिक विकास दर पर लगातार बड़े-बड़े दावे कर रही मोदी सरकार की कलई जीडीपी के आंकड़ों ने पूरी तरह से खोलकर रख दी है. नोटबंदी और जीएसटी लागू होने से देश की जीडीपी को तगड़ा झटका लगा है.
राज्यसभा में नोटबंदी पर बोले थे मनमोहन
नोटबंदी पर चर्चा के दौरान नंवबर 2016 में राज्यसभा में मनमोहन सिंह ने साफ कहा था कि नोटबंदी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है. इससे अर्थव्यवस्था कमजोर हो सकती है, वहीं जीडीपी में 2 फीसदी की गिरावट आ सकती है. मनमोहन सिंह ने सदन में बोलते हुए कहा था कि मैं पीएम मोदी से पूछना चाहता हूं कि वह किसी ऐसे देश का नाम बताएं, जहां लोगों ने बैंक में अपने पैसा जमा कराए हैं लेकिन वे उसे निकाल नहीं सकते. मनमोहन सिंह ने आगे कहा था कि करेंसी सिस्टम में लोगों का भरोसा कम हुआ है, किसानों और छोटे उद्योगपतियों को भी बड़ा नुकसान हुआ है. सरकार हर दिन नए नियम बना रही है, जो कि साफ दर्शाता है कि पीएमओ इस फैसले को लागू करवाने में असफल रहा. पीएम ने इसके लिए 50 दिन मांगे हैं, लेकिन गरीब व्यक्ति के लिए 50 दिन दर्द झेलना आसान नहीं है.
सच हुई मनमोहन सिंह की बात!
बता दें कि जीडीपी का आंकड़ा गिरकर 5.7 फीसद पर आ गया है. फाइनेंशियल ईयर 2016-17 की पहली तिमाही के दौरान जीडीपी दर 7.9 फीसदी थी. यानी नोटबंदी के बाद से लगातार जीडीपी लुढ़क रही है. एक साल में जीडीपी 7.9 से गिरकर 5.7 फीसद पर आ पहुंची है.
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