SC-ST एक्ट को पहले की तरह लागू कराने के लिए अधिकारियों तक 2 अप्रैल को यह ज्ञापन दीजिये!
By: Shunyakal
सेवा में,
महामहिम राष्ट्रपति महोदय
भारत सरकार
राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली-110001
द्वाराः श्रीमान जिलाधिकारी ……………………
विषयः अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 को पूर्व की भांति पुनः लागू कराने के सम्बन्ध में।
महोदय,
उपरोक्त विषयक अवगत कराना है कि पूरे भारत में जातीय आधार पर एस0सी0, एस0टी0 वर्ग के गरीब, लाचार व कमजोर व्यक्तियों के ऊपर मनुवादी लोग सदियों से अत्याचार करते आये हैं और यह सिलसिला पूरे देश में अब भी बडे़ पैमाने पर जारी हैं। जातीय आधार पर सदियों से किये जा रहे अत्याचार पर रोकथाम के लिये तत्कालीन केन्द्र सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 (एस0सी0, एस0टी0 एक्ट 1989) बनाकर लागू किया था।
उपरोक्त एक्ट लागू होने के बावजूद भी सच्चाई यह है कि इन वर्गों के ऊपर जातीय आधार पर मनुवादियों द्वारा जब जुल्म और अत्याचार किया जाता है,तो अधिकांश मामलों में कोई विरोध भी नहीं कर पाता है। जिससे भयभीत होकर इस वर्ग का पीडित व्यक्ति अत्याचार सहकर भी चुपचाप घर में बैठ जाता है। यदि हिम्मत करके पुलिस थाने में रिपोर्ट लिखाने चला जाता है तो साधारणतया पुलिस उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं करती बल्कि उसे डरा धमकाकर भगा दिया जाता हैं। यदि मिन्नत करने पर रिपोर्ट दर्ज भी कर लेते है तो एस0सी0, एस0टी0 एक्ट नहीं लगाते। यदि एक्ट लगा भी दिया जाता है, तो अधिकारी द्वारा निष्पक्ष जाँच ना करके फाइनल रिपोर्ट लगाते हुए मुकदमा रफा-दफा कर दिया जाता है ।
यदि किन्ही गम्भीर मामलों में अदालत में अपराधियों के खिलाफ चार्ज सीट दाखिल कर दी जाती है, तो मुकदमे के गवाहों को लालच देकर या डरा धमकाकर तोड़ लिया जाता है अथवा मार दिया जाता है या धनबल, बाहुबल या राजनैतिक बल के आधार पर पक्षपात के माध्यम से अपराधी बाइज्जत बरी हो जाते हैं। इस प्रकार एस0सी0, एस0टी0 वर्ग के लोगों द्वारा इस एक्ट का दुरुपयोग नहीं हो रहा बल्कि यह एक्ट निष्पक्ष एवं प्रभावी रुप से अधिकारियों द्वारा लागू न हो पाने के कारण अधिकांश मुकदमों में अपराधियों को पर्याप्त सजा नहीं मिल पा रही है। परिणामतः इन वर्गों के ऊपर जातीय आधार पर अत्याचार निरंतर जारी हैं।
दूसरी तरफ 20 मार्च 2018 को मा0 सुप्रीम कोर्ट द्वारा इन वर्गों के पीडि़त व्यक्ति की तत्काल रिपोर्ट दर्ज न करने, अपराधी को अग्रिम जमानत का लाभ देने और अपराधी की गिरफ्तारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की अनुमति से करने आदि के आदेश पारित कर दिये जाने से इन वर्गों के ऊपर और अधिक अत्याचार निश्चित रुप से बढेगें तथा पूरे देश में भयावह स्थिति उत्पन्न हो जायेगी।
अतः आपसे अनुरोध है कि उपरोक्त गम्भीर मामले में तत्काल हस्तक्षेप करते हुए एस0सी0, एस0टी0 एक्ट 1989 को पूर्व की भांति पुनः लागू कराने की कृपा करें।
सम्मान सहित,
भवदीय
नाम……………………………
पदनाम…………………………
प्रतिलिपीः
1- चेयरमैन महोदय , अनुसूचित जाति, जनजाति आयोग, 5वां तल लोकनायक भवन खान मार्केट नई दिल्ली-110003
2 केन्द्रीय मंत्री महोदय , कानून एवं न्याय, भारत सरकार, ए0 विंग, डा0 राजेन्द्र प्रसाद रोड शास्त्री भवन नई दिल्ली-110001
3-मुख्य न्यायाधीश महोदय, सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली-110001
4- प्रधानमंत्री महोदय , भारत सरकार 7 लोक कल्याण मार्ग ,नई दिल्ली-110001
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