9 करोड़ की बात बाद में मोदी जी, इन्हें इंसाफ कब?
नई दिल्ली। साल 2017 की वो घटनाएं जिनका असर साल खत्म होने के साथ खत्म नहीं होगा. जी हां ये वो घटनाएं हैं जो आप को अंदर तक झकझोर कर रख देंगी. इन घटनाओं के पीड़ित परिवार गरीब हैं, लाचार हैं, बेबस हैं, ज़्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं. इन लोगों में वो माएं हैं जिनके बच्चों को देश में चल रहे घिनोने खेल का शिकार बनाकर मौत के घाट उतार दिया गया. ये हैं जुनैद की मां सायरा, पहलु खान की मां अंगूरी बेगम, उमर खान की मां, मोहम्मद अफराजुल की मां. वहीं जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद की मां फातिमा नफीस में भी इस फेहरिश्त में शामिल हैं.
गौरतलब है कि इसी साल ईद से ठीक पहले हरियाणा में जुनैद की हत्या ट्रेन में गौमांस ले जाने के आरोप में कर दी गई थी. वहीं अप्रैल के महीने में राजस्थान के अलवर में पहलु खान की हत्या गाय तस्करी के आरोप में कर दी गई थी. वहीं 6 दिसंबर को राजस्थान के राजसमंद में मोहम्मद अफराजुल को बर्बर तरीके से जलाकर मार डाला गया. जबकि अक्टूबर 2016 से जेएनयू के छात्र नजीब अहमद एबीवीपी के लोगों से झगड़े के बाद से आजतक गायब हैं.
बहरहाल ऐसी कितनी घटनाओं का जिक्र किया जाए जिसके पीड़ित बेबस-लाचार-बेसहारा हैं, क्योंकि ऐसी सैंकड़ो घटनाओं की फेहरिश्त है जिसमें आज भी इंसाफ नहीं मिला है. इस समाज और सरकार के लिए इससे दुखद और शर्मनाक घटना और क्या हो सकती है? इस बात में कोई दो राय नहीं की इन घटनाओं की दहशत देशभर में पूरे मुस्लिम समुदाय में है.
बड़ा सवाल हा 9 करोड़ मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ दिलाने की बात करने वाले मोदी जी इनके इंसाफ की बात आखिर कब करेंगे.
साल 2017 के वो चेहरे जो आप को झकझोर कर रख देंगे…
Gepostet von National India News am Samstag, 30. Dezember 2017
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