Home Social हैदराबाद एनकाउंटर न्यायपालिका पर संकट और तालिबानी न्याय व्यवस्था का संकेत है
Social - December 6, 2019

हैदराबाद एनकाउंटर न्यायपालिका पर संकट और तालिबानी न्याय व्यवस्था का संकेत है

ये जो एनकाउंटर पर वाह-वाही कर रहे हो न ये यूपी के सरकारी एनकाउंटरों का भी समर्थन है. आपको मूर्ख बनाकर योगी के चार हजार एनकाउंटरों पर आपकी सहमति ले ली गई. अब जाति देखकर यूपी पुलिस ठोंकेगी तब किस मुंह से चिल्लाओगे. और याद रखना चिन्मयानंद, हरिशंकर त्रिवेदी, शुभम-शिवम द्विवेदी, प्रिंस सलूजा जैसों के एनकाउंटर कभी नहीं होते. एनकाउंटर में सबसे बड़ी दिक्कत यही है कि आपको पता ही नहीं होता कि असली दोषी को ही ठोंका गया है या किसी को ही उठाकर ठोंककर वाहवाही लूट ली गई है. ऐसे एनकाउंटर छत्तीसगढ़ में अक्सर होते रहे हैं. किसी भी आदिवासी को पकड़कर नक्सलियों की ड्रेस पहनाओ और ठोंक दो. फोटो खिंचवाओ और मैडल-प्रमोशन ले डालो. उन सबका समर्थन कर दिया है आप लोगों ने आज. सवाल फिर भी रहेगा कोर्ट है किसलिए. जरूरत न्यायिक व्यवस्था में तेजी लाने की है न कि उसे दरकिनार करने की. अब कोतवाल ही करेगा गुनाहों का फैसला. काजी को कह दो शहर छोड़ जाए.

ये एन्काउन्टर भारतिय न्यायिक प्रक्रिया का एन्काउन्टर है . यदि ये सही है तब दो दिन पहले उन्नाव रेप पीडिता को जलाने वाले ब्राहमनो का भी एन्काउन्टर हो .

हम मध्यकाल की ओर जा रहे हैं. जबकि जरूरत है न्याय ब्यवस्था को दुरूस्त करने की है. प्रश्न है कि पुलिस को कानून अपने हाथ में लेने की जरूरत क्यों पड़ी. क्योंकि कुछ खास न्यायिक परिवार के लोगों ने देश के न्याय ब्यवस्था का सत्यानाश कर दिया है.

1) कठुआ के आरोपित साँझीराम आदि
2) उन्नाव के आरोपित कुलदीप सेंगर आदि
3) पटना अनाथ बालिका गृह आरोपित ब्रजेश सिंह आदि
4) चिन्यमयानंद
5) आसाराम
6) रामरहीम
7) दाती महाराज
8) उन्नाव के आरोपित हरिशंकर त्रिवेदी शिवम त्रिवेदी शुभम त्रिवेदी बाजपेई आदि
इनका अब तक एनकाउंटर क्यों नही हुआ

हैदराबाद के रेप आरोपियों को एनकाऊंटर के लिए पुलिस के ऊपर फूल बरसाए गए . ये ठीक है तो उन्नाव में एनकाऊंटर नहीं करने वाले पुलिस पर जूते बरसाए जाने चाहिए.

फेसबुक पर प्रतिक्रियाएं

(अब आप नेशनल इंडिया न्यूज़ के साथ फेसबुकट्विटर और यू-ट्यूब पर जुड़ सकते हैं.)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

Remembering Maulana Azad and his death anniversary

Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…