रिपोर्ट: सवर्ण महिलाओं की तुलना में 14 साल कम जीती हैं भारत की बहुजन महिलाएं
By:Ankur sethi
दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट जिसका शीर्षक टर्निंग प्रॉमिसेज इन टू एक्शनः जेंडर इक्वालिटी इन 2030 एजेंडा’ है. इस नाम की इस रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में महिलाओं को लैंगिक और अन्य कई असमानताओं का सामना करना पड़ता है।
भारत में आज भी सवर्ण महिलाओं की अपेक्षा बहुजन महिलाओं के लिए साफ-सफाई, स्वास्थ्य और स्वच्छ पेयजल का अभाव है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में महिलाओं को लैंगिक और अन्य कई असमानताओं का सामना करना पड़ता है। भारत में बहुजन महिलाओं की औसतन आयु ऊंची जाति की महिलाओं की तुलना में 14.6 साल कम होती है। यह फर्क जाति की वजह से होता है और वजह गरीबी और बीमारियां हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बहुजन महिला की औसत उम्र 39.5 साल है वहीं सवर्ण महिला की औसत आयु 54.1 साल है।
संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट के मुताबिक कुछ निष्कर्ष पढ़िए…
– भारत में गांव की गरीब परिवार की लड़कियों की शादी 18 साल से पहले होने की संभावना शहरी लड़कियों की अपेक्षा 5.1 गुना ज्यादा होती है।
– शहरी लड़की की तुलना में गांव की गरीब लड़कियों के स्कूल ना जाने की संभावना 21.8 गुना ज्यादा होती है।
– ग्रामीण क्षेत्र में लड़कियों के किशोरावस्था में मां बनने की संभावना अधिक होती है।
– अगर कोई महिला भूमिहीन है और अनुसूचित जाति से है तो उसके गरीब होने की संभावना ज्यादा होती है।
– किसी महिला की कमजोर शिक्षा और सामाजिक व्यवस्था तय करती है कि काम की जगह उसके लिए कितनी शोषणकारी होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक विकासशील देशों की 50 प्रतिशत शहरी महिलाएं और लड़कियां किसी ना किसी समस्या से जूझ रही हैं जिसमें साफ पानी, स्वच्छता, उपयुक्त आवास है। इसके अलावा 50 साल से कम उम्र की पांच में से एक महिला अपने पार्टनर से किसी ना किसी शारीरिक अथवा यौन शोषण का शिकार होती है।
The Rampant Cases of Untouchability and Caste Discrimination
The murder of a child belonging to the scheduled caste community in Saraswati Vidya Mandir…