करणी सेना का आतंक: चार राज्यों की सरकारों के खिलाफ ‘न्यायालय की अवमानना’ पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
By- Aqil Raza
फिल्म पद्मावत को लेकर अब मामला और बडा हो गया है. सुप्रीम कोर्ट सोमवार को फिल्म को लेकर उन दो याचिकाओं पर सुनवाई करेगा जिसमें पद्मावत को लेकर हो रही हिंसा पर अदालत की अवमानना का मामला चलाने की मांग की गई है. पहली याचिका कांग्रेसी नेता तहसीन पूनावाला की ओर से दाखिल की गई है. इस याचिका में चार राज्यों में पद्मावत को लेकर हिंसा का हवाला दिया गया है. याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात में लगातार हिंसा की घटनाएं हो रही है.
राज्य पूरी तरह इन घटनाओं को रोकने में नाकाम रहे हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि कानून व्यवस्था राज्यों की जिम्मेदारी है. याचिका में मांग की गई है कि इन राज्यों के चीफ सेकेट्री, होम सेकेट्री और डीजीपी को कोर्ट में तलब किया जाए.
दूसरी याचिका विनीत ढांडा की ओर अवमानना याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है. इसमें कहा गया है कि फिल्म को सुप्रीम कोर्ट ने रिलीज करने को हरी झंडी देने के बावजूद हिंसा हो रही है. विनीत ने राजपूत करणी सेना के तीन नेताओं, सूरजपाल, कर्ण सिंह और लोकेंद्र सिंह कलवी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना का मामला चलाने की मांग की है.
वहीं सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा का कहना है कि वो वो सोमवार को मामले की सुनवाई करेंगे. आपको बता दें कि जिन राज्यों में फिल्म को नहीं चलने दिया गया उनमें बीजेपी की सरकार है. और इन्ही राज्यों में करणी सेना के गुंडो और राजपूतों ने आतंक मचा रखा है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इ राज्यों की सरकारों का रवैय्या क्या है… क्या इन सरकारों के लिए वोट बैंक, कानून व्यवस्था और राष्ट्र से बढ़कर है ?
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