एक और बहुजन बेटी ने रोशन किया नाम….
ये हैं तमिलनाडु के मदुरई की 23 साल काव्या रवि कुमार। काव्या देश की पहली बहुजन महिला कॉमर्शियल पायलट है। इन्हें हाल ही में गवर्मेंट फ्लाइंग ट्रैनिंग स्कूल (GFTS) से कॉमर्शियल पायलेट का लाइसेंस औऱ बेस्ट स्टूडेंट अवॉर्ड भी मिला है। 21 साल के इंतज़ार के बाद ये उपलब्धि हासिल हो सकी है।
देश में कई महिला कॉमर्शियल पायलट्स हैं। लेकिन सभी सवर्ण वर्ग की हैं और बेहद मजबूत परिवारिक पृष्ठभूमि की भी। जिन्हें ना पैसे की कमी हुई, ना प्रिवेलेज की। बल्कि सो कॉल्ड सुंदरता के पैमाने यानी सुकोमल, गोरे और नैन-नक्श आदि-आदि के पैमाने पर खरे उतरने के कारण फ़ायदा ही मिला है। “1.काली 2.दलित 3.महिला” वो भी 4.गरीब होने के चौगुने संघर्ष के साथ काव्या की उपलब्धि हर लिहाज से हमारे लिए बहुत इम्पोर्टेन्ट है।
आपको बता दूँ काव्या बेहद गरीब परिवार से है और उसके पिता तमिलनाडु स्टेट ट्रांसपोर्ट में ड्राइवर के रूप में काम करते हैं। इस उपलब्धि को पाने तक के सफर में काव्या और उसके परिवार ने बहुत संघर्ष किया। बाबासाहेब की बेटियाँ तमाम मुश्किलें झेलकर उनका नाम और काम आगे बढ़ा रही हैं।
शाबाश काव्या! तुमने उन सब लोगों के लिए उदाहरण सामने रखा है जो अपने सपनों के लिए संघर्ष कर रहें हैं।
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