#Me Too की आढ़ में भारत का अब कौनसा आर्थिक संकट छुपाया जा रहा है?
एक और बडा क़र्ज़दार विदेश भाग गया और सरकार बेख़बर रही? 31 साल तक आईएलएफ़एस कंपनी गुजरात का कर्ताधर्ता रहा रवि पार्थसारथी 92 हजार करोड़ के कर्ज डुबाने, डेढ़ लाख करोड़ के और बैंक कर्ज संकट में डालने और पूरी अर्थव्यवस्था में संकट पैदा करने के पश्चात देश छोडकर चला गया।
वह भागा जुलाई 2018 में और लुकआउट नोटिस जारी हुई 1 अक्टूबर को। सरकार देश के सबसे बडे सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को कह रही है कि उसकी भरपाई करे। कहना नहीं आदेशित कर रही है! जो कुछ मुनाफ़े मे सरकारी कंपनियॉं चल रही है वे सब दबाब में है कि डूबती इन कंपनियों को बचाओ अपना पैसा डालकर। अब एलआई सी LIC पर भी दबाव डाला जा रहा है। ऐसा क्यों हो रहा है कि सरकार सारे भगोड़ों को बाहर विदेश भागने से नहीं रोक पा रही है । तो यह आरोप तो लगेगा ही कि स्वयं सरकार ही मिली हुई है और संधिपूर्वक भगा रही है।
और सबसे महत्वपूर्ण ताज्जुब की बात तो यह है की ये सारे भगोडे गुजरात से ही क्यो है? अब देखिये ना, गौर करिये कि इस डिफाल्टर क़र्ज़दार कंपनी का मालिक 90,000 करोड़ का क़र्ज़ ना चुकाने के कारण जुलाई 2018 में विदेश भाग गया पर सरकार ने ‘लुक आउट’ नोटिस 1 अक्टूबर को जारी किया!
अब अकेले इसी घटना पर वित्तमंत्री और बैंकिंग सचिव समेत कई हलाक होने चाहिये पर यहॉं तो घोषणा ही हो चुकी है कि हमारे यहॉं इस्तीफ़े नहीं होते। क्या वित्त मंत्री जी राष्ट्र को इस बाबत सच्चाई बताने की कृपा करेंगे ? या फिर आपके यहॉं सच्चाई भी नहीं बताने का फैसला हो चुका है |
-रमाशंकर सिंह की वाल से
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