पहली बार किसी भारतीय पीएम का हुआ इतने बड़े स्तर पर विदेश में विरोध
~ आकिल रज़ा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों यूरोप के दौरे पर हैं। कठुआ गैंगरेप और हत्या को लेकर पीएम मोदी का लंदन में विरोध किया गया। प्रदर्शनकारियों ने मोबाइल वैन पर बड़े-बड़े होर्डिंग लगाकर और हाथों में तख्ती लेकर मोदी का विरोध कर रहे हैं। विरोधियों ने पीएम मोदी का विरोध करने के कारण भी बताए हैं।
प्रदर्शनकारियों ने उन्हें मुसलमानों की हत्या करने वालों का संरक्षक, बलात्कारियों को बचाने वाला और बहुजनों की हत्या करने वालों का समर्थक करार दिया है। इतना हि नहीं कुछ प्रदर्शन कारियों ने पीएम मोदी को भारत के आतंक का चहरा तक करार दिया है। लोग साफ तौर भारत में हुई उन घटनाओं को गिनवाते हुए नज़र आए जो वाकई भारत के इतिहास के लिए कलंक है, और जिन घटनाओं को भारत भुला देना चाहता है, लोगों ने सहारनपुर हिंसा में हुए अत्याचार, गुजरात देंगे में मुस्लिमों की हत्या, रोहित वैमुला की मौत, जुनैद की हत्या जैसे तमाम मुद्दों को अपनी तख्तियों पर लिखकर याद दिलाने की कोशिश की।
मोदी के विरोध में लंदन के व्हाइटहॉल, लंदन आई, पार्लियामेंट स्क्वायर और वेस्टमिंस्टर एबी के समीप होर्डिंग लगाए गए। प्रदर्शनकारियों ने कठुआ गैंगरेप के दोषियों को सजा दिलाने के बारे में सवाल पूछे हैं। प्रदर्शनकारियों ने लिखा, ‘मोदी नॉट वेलकम’।
बता दें कि इससे पहले किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का इतने बड़े स्तर पर विरोध नहीं हुआ है। प्रदर्शनतकारियों ने ‘मोदी गो बैक’ ‘स्टोप किलिंग प्यूपिल इन नेम ऑफ दी काओ’ ‘मोदी इज़ दी फेस ऑफ इंडियन टेररिस्ट’ और ‘बहुजनों पर अत्याचार बंद करों’ जैसी तमाम स्लोगन के साथ पीएम मोदी का विरोध किया।
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है जिसे हम ख़ुद देखकर दंग रह गए कि यह कैसे हो सकता है? जो इंसान बाबा साहिब का पुतला साउथॉल लंदन से बाबा साहिब के घर ( 10khr) में ले जाते हुए दिख रहा था, आख़िर वो ही बाबा साहिब के घर के आगे काले झंडे क्यूँ लेकर खड़ा है?
जब इसकी तह तक गए तो पता चला कि यह इंसान बाबा साहेब के मिशन के बारे में भी काफ़ी जानकारी रखता है और साथ में ही बुद्ध ताल का निर्माता भी है । इतना कुछ जान लेने के बाद दिलचपसी ओर भी बड़ गई कि आख़िर यह बाबा साहिब के घर के बाहर विरोध में क्यूँ खड़ा है? आख़िर यह सारा कुछ जानने के लिए हम खुद उस शख्स के पास पहंच गए जो विरोध कर रहा था। उसने हमें बताया कि यह ठीक ख़बर है कि बाबा साहिब का पुतला ले जाने वालों में मैं भी शामिल हूँ पर हमें यह नहीं पता था कि जिन लोगों ने इसको दिया है वो इसका उद्घाटन उस मोदी से कराने जा रहे हैं, जिसके हाथ हमारे बहुजन समाज के लोगों के ख़ून से रंगे हैं। उन्होंने ने बताया कि भारत में हमारे लोगों का क़त्लेआम हो रहा है और यह लोग उसके स्वागत में उसको उपहार दे रहे हैं, पर मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो अपने मतलब के लिए बाबा साहिब के विचारों की बलि देदे।
इश शख्स से बात करने के बाद यह पता चला कि बाबा साहेब को मानने का दिखावा करने वाले और बाबा साहेब के विचारों पर सच्चे दिल से चलने वालों में क्या अंतर होता है। इसमें कोई दोहराए नहीं कि यह इंसान बाबा साहिब को सच्चे मन से अपने विचारों में धारण किए हुए है।
बता दें कि इससे पहले ब्रिटेन के कुछ छात्र संगठनों ने नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा था। छात्रों ने पूछा था कि भारत में तीन नाबालिग लड़कियों के खिलाफ हुए घृणित अपराध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेजी से उचित न्याय सुनिश्चित करने के लिए मोदी कब कार्रवाई करेंगे? छात्रों ने पूछा, ‘आपने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चियों को न्याय मिलेगा। हम इसका स्वागत करते हैं। मगर प्रधानमंत्री से सवाल है कि बच्चियों को इंसाफ कब और कैसे मिलेगा?’
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