शहीद मुजाहिद खान के सम्मान में नहीं पहुंचा कोई मंत्री, परिजनों ने लगाया भेदभाव का आरोप
नई दिल्ली। श्रीनगर आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ जवान मुजाहिद खान का बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया. शहीद जवान को नमन करने बिहार का पूरा आरा जिला उमड़ पड़ा. उनके गांव में लोगों का हुजूम श्रद्धाजंलि देने पहुंचा. लेकिन लेकिन मुजाहिद के परिजनों को इस बात का दुख रहा कि उनके भाई को सम्मान देने बिहार सरकार की तरफ़ से कोई नहीं पहुंचा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मजाहिद के परिजनों ने अनुग्रह अनुदान देने में भी भेदभाव किए जाने की बात कही, उनके परिजनों ने बिहार सरकार की ओर से दिए पांच लाख की सहायता राशि ठुकरा दी है। परिजनों ने सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया। मुजाहिर के चचेरे भाई ने कहा कि अभी खगड़िया ज़िले के भी एक सैनिक मारे गए. लेकिन उनके और मुजाहिद के परिवार को जो राशि दी जा रही है उसमें भेदभाव क्यों किया जा रहा है?”
इस मसले पर बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और सूबे के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर बिहार सरकार की तीखी आलोचना की है. उन्होंने लिखा, “बिहार में दो जांबाज़ सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए. लेकिन नीतीश सरकार का एक भी मंत्री वीर जवानों को श्रद्धांजलि देने और अंतिम संस्कार में सम्मिलित होने नहीं पहुंचा. नीतीश जी संघ के वकील मत बनिए. ये राजनीतिक आरोप नहीं शहीदों के सम्मान की बात है.”
मुजाहिद के परिजनों की नाराजगी दूर करने के लिए पूछे गए एक सवाल पर बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा नेता मंगल पांडेय ने कहा, “सैनिकों के कारण ही देश की सीमाएं सुरक्षित हैं. इनकी शहादत का कोई मुकाबला नहीं हो सकता. केंद्र और राज्य सरकार शहीद के परिवार की चिंता करेगी. उनके परिजनों से मिलने निश्चित रूप से एनडीए और भारतीय जनता पार्टी के लोग जाएंगे.”
बता दें सोमवार तड़के चरमपंथियों ने श्रीनगर के करन नगर इलाके में स्थित 23 बटालियन कैंप में दाख़िल होने की कोशिश की थी. इस दौरान हुए मुठभेड़ में 49 बटालियन के मुजाहिद गंभीर रूप से घायल हुए. बाद में अस्पताल में उनकी मौत हो गई। शहीद के परिजनों ने बिहार सरकार से मांग की है कि पीरो में मुजाहिद की प्रतिमा लगाई जाए और वहां बन रहे स्टेडियम का नामकरण उनके नाम पर किया जाए।
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