घर सामाजिक राजकारण रामविलासच्या दिव्यावर संकट आणखीनच वाढले

रामविलासच्या दिव्यावर संकट आणखीनच वाढले

~ नवल किशोर कुमार ~

लोकसभा निवडणूक 2019 में भले ही केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने भाग नहीं लिया हो लेकिन उन्होंने अपनी विरासत अपने बेटे चिराग पासवान और दोनों भाइयों पशुपति पारस और रामचंद्र पासवान को सौंप दी है। परंतु, इस बार उनके बेटे चिराग पासवान जो कि बिहार के जमुई क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, उनके उपर संकट के बादल नजर आ रहे हैं।

खरंच, उनके सामने संकट यह नहीं है कि उनकी हार होगी या जीत, बल्कि संकट उनकी जन्मतिथि को लेकर है जो उन्होंने शपथ पत्र के माध्यम से चुनाव आयोग को बताया है।

उनकी उम्मीदवारी पर सवाल उपेंद्र रविदास ने उठाया है जिन्होंने बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी के रूप में इस बार चुनाव लड़ा है। उन्होंने चुनाव आयोग से लिखित शिकायत की है कि अपने शपथ पत्र में चिराग पासवान ने गलत जानकारियां दी हैं। इनमें से एक जानकारी उनकी जन्मतिथि को लेकर है। शपथ पत्र के मुताबिक चिराग पासवान ने अपनी जन्मतिथि 31 ऑक्टोबर 1982 बताया है जबकि उनके पिता रामविलास पासवान और उनकी मां रीना पासवान की शादी 1983 में हुई।

इसी आधार पर उपेंद्र रविदास ने चुनाव को दिए अपने शिकायत में कहा है कि चूंकि चिराग पासवान का जन्म उनके माता-पिता की शादी के पहले हुई है और तब उनकी मां रीना पासवान का नाम रीना शर्मा था। इसलिए चिराग पासवान जन्म से दलित नहीं हैं और इस कारण उनका नामांकन रद्द किया जाय।

वहीं उपेंद्र रविदास ने जमुई से रालोसपा के प्रत्याशी भूदेव चौधरी के शपथ पत्र पर सवाल उठाया है। उनके मुताबिक श्री चौधरी ने शपथ पत्र हेतु चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित नियमों का अनुपालन नहीं करते हुए फार्म 26 के दो कॉलम में मांगी गई सूचना नहीं दी है। इसलिए चुनाव आयोग को उनका नामांकन पत्र खारिज करना चाहिए था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।

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