उमर राशिद रिपोर्टर गिरफ्तार, लखनऊ पुलिस ने कहा- आज निकालेंगे तुम्हारी पत्रकारिता
अंग्रेजी अखबार द हिंदू के पत्रकार उमर राशिद ने आरोप लगाया है कि लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन के बाद पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की थी. उमर ने क्विंट को पूरी घटना के बारे में विस्तार से बताया है.
उमर ने कहा, ”20 दिसंबर की शाम को मैं अपने साथियों के साथ बीजेपी ऑफिस के पास एक रेस्टोरेंट में बैठकर कुछ खा रहा था. हम लोगों को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए जाना था. इसी बीच कुछ पुलिसवाले आते हैं, उस वक्त हमें उनकी पहचान पता नहीं थी. वो आकर मेरे दोस्त से पूछते हैं कि हमें अपनी पहचान बताओ. फिर मुझसे पूछते हैं कि मैं कौन हूं.”
उमर ने बताया ‘’मैं उनको अपना नाम और प्रोफेशन सब बता देता हूं. उनको पता था कि मैं कौन हूं और किसके लिए काम करता हूं. इसके बावजूद वो मुझसे कहते हैं कि आपसे कुछ सवाल करने हैं, आप जरा बाहर आ जाइए, हमारे एक सीनियर आपसे बात करना चाहते हैं. इसके बाद वो हमें गाड़ी में बिठाकर ले गए. उन्होंने मेरा फोन भी छीन लिया. वो हमें हजरतगंज पुलिस स्टेशन ले गए. बाद में वो हमें सुल्तानगंज पुलिस चौकी ले गए.’’
उमर का यह भी कहना है कि इसके बाद सीओ साहब ने मुझसे कुछ सवाल किए. अचानक से उन्होंने मुझसे माफी मांगी और कहा है कि हमने आपको किसी कन्फ्यूजन की वजह से उठा लिया. बाद में मुझे सीएम ऑफिस से भी फोन आया. उन्होंने मुझे यह समझाया कि कुछ कन्फ्यूजन की वजह से पुलिस ने मुझे उठाया. उन्होंने भी माफी मांगी.
हालांकि उमर इस सफाई को लेकर कहते हैं, ”कन्फ्यूजन तब होती जब मैं कोई संदिग्ध होता, मेरे पास डॉक्युमेंट्स नहीं होते या मैं अपनी पहचान उजागर नहीं कर पाता या फिर मैं किसी संदिग्ध गतिविधि में संलिप्त होता, लेकिन मैं तो अपना काम कर रहा था और फुल डॉक्युमेंट्स के साथ था. मुझे लगता है कि उनकी सफाई एक तरह से बकवास थी.’
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