इंसाफ के लिए अवाज़ उठाते-उठाते हारी ज़िंदगी…
Aqil Raza~
उडीसा के कुंडली में 10 अक्टूबर 2017 को एक 9वीं क्लास की बच्ची के साथ गैगं रेप का मामला सामने आया था। दरअसल पीड़ित बच्ची ने आरोप लगया था कि उसके साथ 4 लोगों ने रेप किया है जो की central paramilitary forces की ड्रेस पहने हुए थे। पीड़िता के भाइ ने बताया कि उसकी बहन स्कूल से निकलने के बाद कुंडूली मारकीट आपने पासपोर्ट साइज के फोटो खिचाने के लिए गई थी और जब वो दोपहर के समय में वापस लोट रही थी तभी उन अपराधियों ने उसको रोक लिया और उठा कर जगंल में ले गए, और उसके दोपट्टे से उसका गला दबाकर चारों ने बारी बारी से रेप किया और फरार हो गए।
जिसके बाद गंभीर रूप से घायल बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। पीड़ित बच्ची की फैमली ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई और इलाके के लोगों में इस घटना को लेकर गुस्सा भर गया जिसको लेकर उन्होंने NH 26 जाम कर दिया और बालात्कारियों की गिरफ्तारी और सजा की मांग करने लगे। जिसके बाद भारी तादात में कोरापुट पुलिस हैडक्वाटर के सामने लोगों ने इकठ्ठा होकर इस घटना के खिलाफ नारेबाजी की और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
इस दौरान कोरापुट के एसपी ने लोगों को भरोसा दिया कि जो भी हुआ इसके खिलाफ जांच बैठाई जाएगी, और इसको गंभीरता से लिया जाएगा.. जिसके बाद लोगों को उग्र होता देख प्रशासन ने कदम तो उठाया लेकिन इंसाफ के लिए नहीं, उस इंसाफ के लिए उठती अवाज़ों को दबाने के लिए, कोरपुट शहर में विरोधी माओवादी अभियान के तहत BSF, COBRA, और CRPF के जवानों की तैनाती कर दी गई।
लेकिन कार्रवाई के नाम पर तसल्ली इस पीड़ित परिवार को मिलती गई, हद तो तब हुई जब पीड़िता बच्ची को पैसे देकर बयान बदलने की कोशिश की गई. इस मामले में पीड़ित परिवार ने डीजीपी पर आरोप लगाया की उनके परिवार को खरीदने की कोशिश की गई है और सभी प्रशासन के लोग मिले हुए हैं, जिसपर सफाई देते हुए सभी ने इस बात से पल्ला झाड़ दिया। इस केस में कई जगहों पर ये दिखाने की कोशिश भी की गई की गैगं रेप हुआ ही नहीं।
इंसाफ के लिए लड़ रही 9वीं क्लास की बच्ची ने हार मान ली, और बीते दिनों उसने घर में ही आत्महत्या कर ली। मौत की खबर इलाके में आग की तरह फैल गई और लोग अस्पताल आने में जुट गए। घटना के बाद कोरापुट जिले के पोतांगी, कुंडुली, सेमिलिगुडा में तनाव बढ़ने लगा। पीड़िता के शव को परिजनों ने पोस्टमार्टम के लिए जिला प्रशासन द्वारा कोरापुट ले जाने से इंकार करने पर अधिकारियों ने कानून व्यवस्था के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी।
परिवार के सदस्यों ने कुंडुली अस्पताल में पोस्टमार्टम कराने की मांग करते हुए जिला प्रशासन द्वारा कोरापुट मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम कराने के लिए शव ले जाने का विरोध किया। पीड़िता के चाचा ने घटना की सीबीआई जांच की मांग की और उन पुलिस अधिकारियों और डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की जिन्होंने यह कहकर मामले को दबाने का प्रयास किया कि उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ है।
आप अंदाजा लगा सकते हैं कि एक 9वीं किलास की छात्रा उसके मन में ये कैसे आ सकता है कि वो किसी चचार के खिलाफ गैगं रेप का छूटा मुकदमा लिखवाए। क्या एक छोटी बच्ची के लिए ये बात वाजिब है कि वो बिना किसी वजह के किसी फंसाए, और इतने बड़े केस को ये कहकर टालने की कोशिश की गई की रैप हुआ ही नहीं।
और इस दुखद खबर को सुनक उडीसा के बीजेपी प्रवक्ता का कहना था की हमने कई दफा कहा था कि बच्ची को सिक्योरिटी की जरूरत है लेकिन किसी ने नहीं सुनी, अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किस तरह कि सिक्योरिटी की ये बात कर रहे हैं, जो लड़की इंसाफ मांग रही है उसको किस बात की सिक्योरिटी, उसके लिए इंसाफ उसकी नई ज़िंदगी थी। और ये हमें भूलना नहीं चाहिए की ऐसे कितने अपराध हमारे देश में उन गरीब दबे कुचले लोगों के साथ होते हैं, कितनी गरीब मासूम बच्चियों की जिंदगी को बरबात किया जाता है डर और भय कि वजह से ये केस दबे के दबे रह जाते हैं आखिर कौन इनका जिम्मेदार है। ये सवाल हमें झकझोर देता है।
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