Home Language Hindi सामने आया डॉ. पायल तड़वी का सुसाइड नोट, लिखी मिली जातिवादी यातनाओं की कहानी
Hindi - International - Language - Social - July 26, 2019

सामने आया डॉ. पायल तड़वी का सुसाइड नोट, लिखी मिली जातिवादी यातनाओं की कहानी

मैंने इस कॉलेज में कदम रखा इस उम्मीद में कि मैं इस तरह के अच्छे संस्थान में पढ़ूंगी मगर जातिवादी लोगों ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया। शुरू में मैं और स्नेहल (दोस्त) आगे नहीं आए और न ही किसी से भी कुछ कहा। मुझे उस हद तक यातनाएं दी गईं, जिसे मैं सहन नहीं कर सकती थी। मैंने उनके खिलाफ शिकायत की लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। मैंने अपना पेशेवर जीवन, निजी जीवन, सब कुछ खो दिया है क्योंकि उन्होंने ऐलान कर दिया है कि जब तक वे मुबंई के नायर कॉलेज में हैं, वे मुझे कुछ भी सीखने नहीं देंगे। तीनों जातिवादी साथी महिला डॉक्टरों ने मेरी शिक्षा को अवरुद्ध कर दिया और मुझे एक स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में अनुभव प्राप्त करने से रोकने के लिए कहीं और ड्यूटी लगवा दी। मुझे पिछले 3 सप्ताह से लेबर रूम संभालने की मनाही है क्योंकि वे मुझे इसके लिए योग्य और सक्षम नहीं मानते।

मुझे ओपीडी के दौरान लेबर रूम से बाहर रहने के लिए कहा गया हैं। इसके अलावा, उन्होंने मुझे कंप्यूटर पर स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली की प्रविष्टि करने के लिए कहा हैं, वे मुझे मरीजों की जांच करने की अनुमति नहीं देते। मुझे ये जो काम रहे हैं वह डॉक्टर वाला नहीं बल्कि क्लर्क वाला काम काम हैं। वो कहती हैं ‘ये काम कौन करेगा, ये तेरा काम नहीं है तो किसका काम हैं? तू छोटी जात हो के हमारी बराबरी करेगी क्या? ऐ आदिवासी, तू इधर क्यूं आई हैं? तू डिलीवरी करने के लायक नहीं है, तू हमारी बराबरी करती हैं l’ इसलिये यहां बिल्कुल काम करने के लिए स्वस्थ माहौल नहीं है और मैं कुछ भी करने के की उम्मीद खो चुकी हूं, क्योंकि मुझे पता है कि यह नहीं होगा। अगर आप अपने लिए बोलते हैं या खड़ा भी होते हैं तो इसका कोई नतीजा नहीं निकलेगा। मैंने बहुत कोशिश की, कई बार आगे आई, मैडम से इस बारे में बात की लेकिन कुछ नहीं किया गया। मुझे अब सचमुच कुछ नहीं दिखता। मैं केवल अपना अंत देख सकती हूं। मुझे मानसिक रूप से काफी ज्यादा परेशान किया जा रहा है, इसलिए मैं यह कदम उठा रही हूँ l मेरे इस आत्महत्या के कदम के पीछे तीनों जातिवादी घृणित मानसिकता डॉक्टर हेमा आहूजा, भक्ति मेहरा और अंकिता खंडेलवाल है,मुझे माफ करना l

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

Remembering Maulana Azad and his death anniversary

Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…