घर राज्य दिल्ली-एनसीआर 10% आरक्षणाविरोधात बहुजन कार्यकर्त्यांनी सर्वोच्च न्यायालयात 'जनहित याचिका' दाखल केली’

10% आरक्षणाविरोधात बहुजन कार्यकर्त्यांनी सर्वोच्च न्यायालयात 'जनहित याचिका' दाखल केली’

By-Aqil Raza

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने सामान्य वर्ग को आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया है जो कि अब दोनों सदनों से पास हो चुका है और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मुहर भी संविधान के इस 124वें अमेंडमेंट पर लग चुकी है। सरकार के इस फैसले का बहुजन समाज ने विरोध किया है, कई जगहों पर सरकार के इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं और इस फैसले को संविधान विरोधी फैसला बताया है। वहीं 14 जनवरी को समाजिक कार्यकर्ता विपिन कुमार भारतीय ने आर्थिक आधार पर 10% आरक्षण को निरस्त करने के लिये सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है।

इस याचिका में 2 मुख्य तर्क रखे गए हैं।

1- जिसको आरक्षण देने की बात यह एक्ट करता है वैसा कोई नागरिकों का समुह भारत में एग्जिस्ट ही नहीं करता है, अर्थ…आधार ही काल्पनिक है। कोई किसी तरह के सर्वे या स्टिडी नहीं की गई है, कोई ऐसा वर्ग नहीं है।

2- आर्थिक आधार पर ऐसी किसी व्यवस्था के लिए संविधान नहीं कहता है।

इसके अलावा विपिन कुमार ने नेशनल इंडिया न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक मौका है और हमें हर तरीके से लड़ना होगा। ऐतिहासिक लड़ाई शुरू हो चुकी है.. संविधान को छेड़ने की कोशिशे क़ामयाब नही होंगीहम ज़रूर जीतेंगेआप सभी का सहयोग कि ज़रूरत है।

 

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