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Hindi - Political - Politics - Social - Uncategorized - December 11, 2019

2002 गुजरात दंगे की फाइनल रिपोर्ट विधानसभा में पेश,पीएम मोदी को मिली क्लीन चिट

गुजरात में 2002 में हुए दंगों पर नानावती आयोग की फाइनल रिपोर्ट विधानसभा में पेश कर दी गई है। इस रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तत्कालीन मुख्यमंत्री) को क्लीन चिट दी गई है। 27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस की बोगी में 58 कारसेवकों को जिंदा जलाए जाने के बाद गुजरात में बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा हुई थी।


बुधवार को गुजरात विधानसभा में दंगों की जांच कर रहे नानावती आयोग की रिपोर्ट रखी गई। गुजरात के गृह मंत्री ने सदन में कहा कि रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगे आरोप खारिज किए गए हैं। नानावती मेहता कमिशन की रिपोर्ट में कहा गया है कि गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस की बोगी जलाए जाने के बाद हुई सांप्रदायिक हिंसा पूर्वनियोजित नहीं थी। आयोग ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली तत्कालीन गुजरात सरकार को अपनी रिपोर्ट में क्लीन चिट दी है।

2002 के गुजरात दंगे और उस पर की गई कार्रवाई पर न्यायमूर्ति नानावती-मेहता आयोग की रिपोर्ट का पहला हिस्सा 25 सितंबर, 2009 को विधानसभा में पेश किया गया था। यह आयोग गोधरा ट्रेन अग्निकांड और बाद में फैले सांप्रदायिक दंगों के कारणों की जांच के बनाया गया था। आयोग ने 18 नवंबर, 2014 को तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी। लेकिन तब से यह रिपोर्ट राज्य सरकार के पास ही है।

राज्य सरकार ने इस साल सितंबर में गुजरात हाई कोर्ट से कहा था कि वह अगले विधानसभा सत्र में रिपोर्ट पेश करेगी। राज्य सरकार ने पूर्व आईपीएस अधिकारी आरबी श्रीकुमार की जनहित याचिका के जवाब में यह आश्वासन दिया था। श्रीकुमार ने हाई कोर्ट से राज्य सरकार को यह रिपोर्ट सार्वजनिक करने का निर्देश देने की दरख्वास्त की थी। राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक श्रीकुमार ने आयोग के समक्ष हलफनामा देकर गोधरा हिंसा के बाद फैले दंगे के दौरान सरकार द्वारा कथित निष्क्रियता बरते जाने पर सवाल उठाया था। उन्होंने नवंबर, 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री पटेल से इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की थी।

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