बीजेपी को लगा तगड़ा झटका, बनेगी कमलनाथ की सरकार ?
मध्यप्रदेश की सियासत में अब दिन प्रतिदिन नया खेल देखने को मिल रहा है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस का भीतरी माहौल गर्माया हुआ है. जिसके बाद अब 114 विधायकों में से 22 और सिंधिया समर्थक विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. अगर इन 22 इस्तीफे को स्वीकार कर लिया जाता है तो कमलनाथ सरकार का गिरना तय है.
जानकारी के मुताबिक संभावना है कि विधानसभा अध्यक्ष 22 में से 21 विधायकों के इस्तीफे को अस्वीकार कर देंगे. इस्तीफे को स्वीकार ना करने की एक बेतुकी वजह बताई गई है कि इस्तीफे में विधानसभा शब्द नही लिखा गया था जिसके कारण इस्तीफे को अस्वीकार करना पड़ेगा. इस पर विधानसभा के अधिकारियों ने भी सहमति जताई है कि इस वजह से इस्तीफे को अस्वीकार किया जा सकता है. इसके अलावा जो एक और कारण है वो यह है कि विधायकों ने मेल पर इस्तीफा दिया है जो कि व्यक्तिगत तौर पर मौजूद होकर देना था.
वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उम्मीद जताते हुए कहा कि हम विधानसभा फ्लोर टेस्ट में अपनी बहुमत साबित कर देंगे. विधानसभा सत्र 15 मार्च से शुरु हो रहा है. कमलनाथ ने कहा कि हमारी उम्मीद इसलिए है क्योकि सभी विधायकों से हम संपर्क में है. उन्होंने आगे कहा कि मीडिया को यह समझ नही आ रहा कि विधायकों को बंदी बनाया गया है. अगर ऐसा नही होता तो विधायक खुद भोपाल आकर इस्तीफा देते.
बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने होली के दिन इस्तीफा दे दिया और बुधवार के दिन बीजेपी का दामन थामा. जिसके बाद कांग्रेसी सियासत में उथल-पुथल मच गई है. अब देखना यह होगा कि कमलनाथ सरकार अपनी बहुमत विधानसभा में कैसे साबित करती है.
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