बजट सत्र में उठा दिल्ली हिंसा का मुद्दा, सदन की कार्यवाही स्थगित
बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरु हो चुका है. जहां पर सांसदों ने विशेष चर्चा दिल्ली की उग्र प्रदर्शन को लेकर करनी चाही. इन सबमें गृहमंत्री और दिल्ली पुलिस कटघरे में थी. लेकिन जैसे ही राज्य सभा और लोकसभा में कार्यवाही शुरु हुई वैसे ही विपक्षी सदस्यों ने दिल्ली के मामले को लेकर चर्चा की मांग शुरु कर दी. इस हंगामें के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी गई.
NEW DELHI, INDIA – JULY 24: Parliament building during the Monsoon Session on July 24, 2017 in New Delhi, India. (Photo by Raj K Raj/Hindustan Times via Getty Images)
राज्यसभा संसद की शुरुआती कार्यवाही में नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, अगर केंद्र सरकार को स्थिती सामान्य करने में कोई मंशा होती तो वह तीन दिन और रात सोई हुई नहीं रहती. आजाद के बयान के बाद नेता सदन थावरचंद गहलोत ने कहा कि कांग्रेस नेता का यह बयान निंदनीय है.
वहीं कांग्रेस पार्टी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, संसद के दोनों सदनों में सोमवार को कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के मुद्दे पर बहस कराने की मांग करने की बात कही थी. इस बीच लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी कहा कि पार्टी दिल्ली के दंगों का मुद्दा संसद में जोरशोर से जैसे ही उठाया लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस और वामदलों सहित अन्य विपक्षी दलों ने भी राज्यसभा और लोकसभा में यह मुद्दा उठाने की तैयारी कर ली है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्यसभा सदस्य के के रागेश और टी के रंगराजन ने उच्च सदन की कार्यवाही स्थगित कर दिल्ली में दंगों के मामले पर दिन भर चर्चा कराने की मांग करते हुए सभापति एम वेंकैया नायडू को नियम 267 के तहत नोटिस दिया है.
बता दें कि बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फ़रवरी तक चला और अब बजट सत्र का दूसरा चरण दो मार्च से तीन अप्रैल तक चलेगा.
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