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Hindi - Political - Politics - Uncategorized - March 14, 2020

CM ने गृहमंत्री को घेरा, कहा- मेरे पास भी कागज़ात नही!

दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को NRCऔर NPR को लेकर गूंज रही. जहां सीएम केजरीवल ने गृहमंत्री शाह को जमकर घेरा औरआरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहा. इस दौरान सीएम केजरीवाल ने एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पास किया. साथ ही सीएम केजरीवाल ने केंद्र सरकार से इसे दिल्ली में लागू नही करने की अपील की है.

बता दें कि एनआरसी और एनपीआर का यह प्रस्ताव दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने रखा था. जिसका समर्थन करते हुए अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर एक से एक सवाल दागे. दिल्ली विधानसभा में केजरीवाल ने कहा कि देश में पहले ही बहुत बड़े-बड़े मुद्दे है ध्यान केंद्रित करने के लिए फिर क्यों एनआरसी-एनपीआर और सीएए पर इतना जोर दिया जा रहा है. देश में कोरोना वायरस से लोग परेशान है, अर्थव्यवस्था इतनी डमडोल हो रखी है, देश के युवा बेरोजगार पड़े है. ये सभी मुद्दे अहम है जिस पर सरकार को फिलहाल ध्यान देना चाहिए. जिसके बाद केजरीवाल ने साफ कर दिया कि वे राजधानी में एनपीआर और एनआरसी लागू नही होने देगा.

वहीं केजरीवाल ने आगे कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा था कि मेरी सरकार देश में एनआरसी लागू लाएगी. केंद्रीय गृहमंत्री ने भी कहा था कि किसी भी कीमत पर ये कानून वापस नही होगा. लेकिन इससे पहले भी एनपीआर लागू हुआ था तब कोई विवाद नही हुआ तो अब क्यों हो रहा है. गृहमंत्री को घेरते हुए सीएम ने आगे कहा कि बीजेपी कह रही है कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी अलग है. लेकिन असम में जो हुआ उसको लेकर देश में चिंता है. ये सभी कानून एक-दूसरे से जुड़े हुए है.

सीएम केजरीवाल ने कहा कि देश के मुख्यमंत्री के पास कागजात नही है उनकी पत्नी के पास नही है यहां तक की उनके माता-पिता के पास भी नही है, केवल बच्चों के पास है तो क्या देश के मुख्यमंत्री को डिटेंशन सेंटर भेज दोगे ? उन्होंने आगे कहा कि विधानसभा में कुल 70 विधायक है जिसमें से केवल 9 के पास ही दस्तावेज है तो क्या मुझे और मेरी कैबिनेट को डिटेंशन सेंटर भेज दिया जाएगा ?

बता दें कि असम में रहने वाली जावेदा बेगम नाम की महिला ने 15 दस्तावेज दिखाए, गांव के प्रधान को भी पेश करके उनसे जावेदा बेगम के नागरिकता की गवाही ली गई. जिसके बाद भी उनकी नागरिकता साबित नही हुई और उन्हें उन्हें विदेशी ठहरा दिया गया. असम से इस खबर के फैलने के बाद लोगों में डर का माहौल कायम है कि अगर 15 दस्तावेज दिखाने के बाद भी नागरिकता साबित नही हो पाती तो यह बहुत ही भयावह है.

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