दिल्ली हिंसा पर FIR दर्ज, किसी पर नही हुई कार्रवाई!
दिल्ली हिंसा पर एक बेहद ही चौंकाने वाला बयान सामने आया है. जहां दिल्ली के ही एक पुलिस ने कहा है कि हिंसा के दौरान हम खुद को बचाने के लिए वहां से भाग गए, हमने खुद को पार्किंग में छिपा लिया और बचने के लिए शटर गिरा दिए. इतनी हिंसा में किसने फोन किया हम उसका भी पता नही लगा सके. ऐसे भयावह माहौल में हमने किसी गवाह को भी नही पाया कि कोई हमें जानकारी दे सके. इसके बाद उन्होंने आगे बताया कि हम लोगों में से तीन लोगों ने भीड़ पर काबू पाने की कोशिश की लेकिन इतनी भीड़ को काबू कर पाना नामुमकिन था भीड़ ने हमें धकेल दिया.
उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान 24-26 फरवरी के दौरान पुलिस स्टेशनों में कम से कम 14 एफआईआर दर्ज किए गए. माहौल इतने तनावपूर्ण थे कि पुलिस भी बौखला गई थी. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पता चला है कि उन एफआईआर में दर्ज हुए सभी मामलों में से एक को छोड़ बाकी किसी को हिरासत में नही लिया गया है. दिल्ली पुलिस का ये बयान एफआईआर रिकॉर्ड में दर्ज किए गए है.
गौरतलब है कि लोकसभा में हुई चर्चा के बीच गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि 25 फरवरी के बाद कोई हिंसा नही हुई. दंगे पर काबू पा लिया गया था. उन्होंने कहा कि इस बात पर मुझे दिल्ली पुलिस पर गर्व है. लेकिन अब सवाल यह उठता है जब उग्र हिंसा के दौरान इतनी एफआईआर दर्ज की गई और पुलिस की ओर से कोई कदम नही उठाए गए, पुलिस खुद को असमर्थ पाई तो अमित शाह ने किस आधार पर कहा कि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में पा लिया था और उन्हें दिल्ली पुलिस पर गर्व है.
बता दें कि दिल्ली में हुई उग्र हिंसा के दौरान 53 लोग मारे गए और 250 से ज्यादा लोग गंभीर रुप से घायल हुए. उत्तरी-पूर्वी इलाके में तनावपूर्ण माहौल कायम रहा. इलाके में आगजनी समेत तोड़-फोड़ हुई. लोगों के घरों और दुकानों को जला दिया गया. भजनपुरा में तो पेट्रोल पंप को ही आग लगा दिया गया. अमित शाह ने तब मामले का संज्ञान नही लिया और ना ही कोई कदम उठाए. अब सदन में खड़े होकर एक झूठा भाषण देने के बाद बोल रहे है कि मुझे दिल्ली पुलिस पर गर्व है. जबकि यहां दिल्ली पुलिस ने ही बयान दिया है कि भीड़ को काबू करना उनके लिए नामुमकिन था. साथ ही पुलिस बल भी प्रयाप्त नही थे जो हिंसा के समय स्थिती को काबू में कर सके.
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