दिल्ली हिंसा पर सैकड़ों FIR, कपिल मिश्रा को सरकार का सपोर्ट !
उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हिंसा की साजिश के अंतर्गत शनिवार को 885 लोगों को हिरासत में लिया गया है. हिंसा भड़काने के मामले में 167 मामले भी दर्ज किए गए है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस ने हिंसा को भड़काने वाले लोगों के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज किया है.
इसके साथ ही सोशल मीडिया को गलत तरीके से इस्तेमाल कर हिंसाजनक पोस्ट डालने वालों के खिलाफ भी 13 मामले दर्ज किए गए है. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि हिंसा को बढ़ावा देने वाले पोस्ट फेसबुक,ट्विटर, इंस्टाग्राम और यू-ट्यूब पर शेयर ना किए जाए. वरना इसके दुष्प्रभाव झेलने पड़ सकते है, जिसके तहत मुकद्दमा दर्ज कर जेल भी भेजा जा सकता है.
आपको बता दें कि इससे पहले कपिल मिश्रा और वारिस पठान जैसे लोगों ने पहले ही भड़काऊ बयान देकर दंगे की आग को हवा दी थी, जिसके बाद उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में भयावह माहौल बना और दंगे भड़के. लेकिन इन सबके बाद भी शासन-प्रशासन ने उन पर कोई कार्रवाई नही की.
इससे पहले भी उनके भड़काऊ बयान को अदालत में पेश किया जा चुका है. जिसके बाद जस्टिस एस मुरलीधर ने पुलिस को फटकार लगाई थी और भड़काऊ बयान देने के जुर्म में मामला दर्ज कर उन पर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे.
लेकिन ऐसे नेताओं पर मामला दर्ज नही हुआ बल्कि एस मुरलीधर का तबादला कर दिया गया. जिस देश में केंद्र की सरकार के पास इतनी ताकत हो कि वह सही कानून को ही चलने ना दे, उस देश की सरकार से और क्या ही उम्मीद लगाई जा सकती है.
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