काले कोर्ट और खाकी की लड़ाई SC का किसके पक्ष में फैसला?
दिल्ली में बुलंद कुछ नहीं बचा ना इंसानियत ना इमान ना भाईचारे का पैगाम पुलिस और वकिल की लड़ाई से बढ़ते हुए बवाल ने सब कुछ खाक कर दिया. एक तरफ दंगाई के मनसूबे ने पुलिस को पिट पिटकर अधमरा कर दिया. इसलिए पुलिस पूछ रही है गम हम इंतजार में इंसाफ की तारिख भी मुकर्रर होनी चाहिए. बीते कल हुआ क्या. दिल्ली पुलिस सड़को पर उतर आएं. जो पुलिस लोगों के सुरक्षा के लिए आधी रात तक ड्यूटी पर तैनात रहती है. बीबी बच्चों को छोड़कर चौकी पर तैनात रहती है. लोगों का सुरक्षा का इंतजाम करती है. हो रहे आपस में लड़ाई को सुलझाती है. लेकिन वहीं पुलिस कल दिल्ली के सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रही थी. साहब अब तो आपको शर्म आनी चाहिए. लोगों से मुंह नहीं दिखाना चाहिए. चुनाव में सेना पर सियासत नहीं करनी चाहिए. क्योंकि कल दिल्ली की पुलिस सड़को उतरी हुई थी.

एक तरफ दिल्ली हेडक्वाटर पर पुलिस धाबा बोल रही थी. दूसरी पर इंडिया गेट पर उसकी फैमली भी प्रदर्शन कर रही थी. लेकिन साहब का कारनामा देखिए.वोट लेने पर सेना पर सियासत करते है.चुनाव में पुलवामा जैसे हमले का जिक्र करते है. लेकिन वहीं पुलिस सड़कों पर उतर पर आएं तो किसी नेता या अधिकारी पूछने तक नही आते है. लो साहब अब आपके शहर भी सवालों के घेरे में है.
दिल्ली में पुलिस और वकीलों का विवाद बढ़ता जा रहा है. दिल्ली पुलिस के जवानों के धरने के बाद आज वकील हंगामा कर रहे हैं. रोहिणी कोर्ट के बाहर वकील प्रदर्शन कर रहे हैं. और दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. वकीलों ने न्याय की मांग की है. प्रदर्शन के साथ ही दिल्ली की सभी जिला अदालतों में वकीलों की हड़ताल जारी है. यह हड़ताल तीस हजारी कोर्ट में हिंसा के बाद शुरू हुई थी. वकीलों और पुलिस के बीच विवाद मामले में आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. इस मामले में हाई कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया था. तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुआ विवाद अभी थमा नहीं है. मंगलवार को दिल्ली पुलिस के जवानों ने पुलिस हेडक्वार्टर पर प्रदर्शन किया. अब इसी को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को लीगल नोटिस भेजा गया है. सुप्रीम कोर्ट में वकील वरुण ठाकुर ने इस मामले में लीगल नोटिस भेजा है. जिसमें लिखा गया है कि पुलिस के आला अधिकारियों ने वकीलों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए हैं.

अब आपको एक कड़वी सच्चाई बताते है.काले कोर्ट और खाकी की लड़ाई को लेकर लोग सोशल मीडिया पर आपत्ती जता रहे है. दिल्ली पुलिस और वकील के विवाद पर पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा कि अधिकार और उत्तरदायित्व एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. नागरिकों को इसे नहीं भूलना चाहिए. हम जो भी हो और कहां भी हो. अगर हम सभी कानून का पालन करते हैं तो कोई विवाद नहीं होता है. वही बेनजीर हिना ने अपने फेस बुक पर लिखती हुए कहती है कि .ये तस्वीरे जब आम जनता धरना प्रदर्शन करती है. तो पुलिस उनपे लाठियां बरसाती है. वाटर केनन और टियर वायर गैस का प्रयोग करती है. महिलाओं तक को नहीं छोड़ा जाता है . आज दिल्ली में पुलिस खुद धरने पर बैठी है. बताओं फिर आम जनता को क्या करना चाहिए. अब जरा खुद ही सोचिए लोकतंत्र किस तरह से दल दल में धसता जा रहा है.
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