जब 2008 में पाटिल ने दिया था इस्तीफा, तो अब शाह क्यों नही!
CAA के विरोध में नागिरकता संशोधन कानून को लेकर बढ़ती हिंसा के बीच गृहमंत्री अमित शाह निशाने पर है. दिल्ली हिंसा पर एक बार भी अमित शाह ने प्रभावित इलाकों पर संज्ञान नही लिया. ना ही उन्होंने वहां पर हिंसा भड़काने वालो को किसी भी तरह की कार्रवाई के निर्देश दिए.
गौरतलब है कि सितंबर 2008 के सीरियल ब्लास्ट में पूर्व गृहमंत्री शिवराज पाटिल पर जमकर निशाना साधा गया था. कि सीरियल ब्लास्ट हो रहे है और वह सजने-सवरने में अपना समय गंवा रहे है. जिसके बाद सोनिया गांधी ने आपात बैठक में उन्हें आमंत्रित नही किया जिसका कारण मुबंई ब्लास्ट को उनका नजरअंदाज करना था. वहीं इसके बाद भी बतौर गृहमंत्री पाटिल के ही राज में एक और घटना घटी जो था मुंबई सीरियल ब्लास्ट. जिसके बाद पाटिल ने अपनी जिम्मेदारी ली की वह इस घटना को रोकने में नाकामयाब रहे. और उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
लेकिन सवाल यह उठता है कि अब क्या ? उस समय जब बतौर गृहमंत्री मुंबई हमले पर कोई कार्रवाई ना किए जाने पर जब शिवराज पाटिल ने इस्तीफा दिया था. तो जो आज के गृहमंत्री है उन्होंने भी अभी तक दिल्ली हिंसा पर कोई कार्रवाई नही की है. इसके अलावा दंगा भड़काने वाले पर भी कोई मामला दर्ज नही हुआ. गृहमंत्री अमित शाह भी अपनी जिम्मेदारी को नही समझ रहे और ना ही वह निभा रहे है तो उनसे इस्तीफे की मांग अब तक क्यों नही की जा रही.
वैसे तो मोदी-शाह देशभक्त होने का परचम पूरी दुनिया में लहराते रहे है. लेकिन हिंसा के दौरान जब देश जल रहा था तो दोनो देशभक्त ट्रंप की मेजबानी में व्यस्थ थे. यह कैसी देशभक्ती है कि देश जलने के बाद भी उनको देश की ओर अपनी जिम्मेदारी नही दिखी. अब बस इनका काम जो दिख रहा है वो तो यही कि एक धर्म को दूसरे धर्म से लड़ाना. जिस तरह कपिल मिश्रा ने लोगों को भड़काया, दंगो को उकसाया उसके लिए गृहमंत्री ने कोई कार्रवाई के निर्देश नही दिए. इससे मालूम होता है कि शायद वह चाहते ही नही कि देश के मुद्दे की यह हिंसक आग ठंडी हो.
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