दिल्ली में नही थम रही हिंसा, 20 की मौत, दर्जनों घायल
दिल्ली में नागरिकता कानून के विरोध में बढ़ती हिंसा ने दिल दहला दिया है. बीते तीन दिनों से इस हिंसा ने देश को झकझोर कर रख दिया है. इस बीच उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में तोड़-फोड़, आगजनी, पत्थरबाज़ी और गोलीबारी की कई घटनाएं सामने आ चुकी है. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस हिंसा में अब तक हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल समेत कुल 20 लोगों की मौतें हो चुकी है. 200 से ज्यादा लोग घायल हुए है और अस्पताल में भर्ती है.
जीटीबी अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक आज भी चार लाशे अस्पताल पहुंचाई गई है. हिंसा प्रभावित इलाकों में पुलिस को आदेश मिले है कि उपद्रवियों को देखते ही गोली मार दी जाए. पुलिस का कहना है कि स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए सभी जायज कदम उठाए जा रहे है. अजित डोभाल ने भी बीती रात को प्रभावित इलाको पर पहुंचकर वहां का जायजा लिया. लेकिन इसके बाद भी अभी तक कोई सुधार नही दिख रहा है.
वहीं मंगलवार को इस घटना के चलते चार इलाके जाफराबाद, मौजपुर, करावलनगर और बाबरपुर में कर्फ्यू भी लगा दिया गया. साथ ही जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे बैठी महिलाएं प्रदर्शकारियों को भी वहां से हटा दिया गया. बीते दिन में उपद्रवियों ने कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया. मोटरसाइकिलों को आग के हवाले किया, सड़कों पर पथराव किया इसके साथ ही कई इलाकों में तोड़-फोड़ भी की.
गौरतलब है कि उत्तरी पूर्वी दिल्ली में सोमवार को समर्थकों और विरोधियों के बीच भिडंत हुई. दंगाईयों ने जमकर उग्र हिंसा को अंजाम दिया. मंगलवार को भी मौजपुर और ब्रह्मपुरी इलाके में जमकर पत्थरबाजी हुई. जिसके बाद माहौल काफी तनावपूर्ण रहा. कई इलाकों में आगजनी हुई. मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी में भी आग लगा दी गई और दूसरी गाड़ी पर पथराव किया गया जिसमें तीन दमकलकर्मी गंभीर रुप से घायल हो गए.
बता दें कि मंगलवार को हिंसा मामले पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने बताया कि कुछ दंगाई सीमाई इलाकों से लोग दिल्ली आ रहे हैं और हिंसा को बढ़ावा देकर अंजाम दे रहे हैं. हमने बॉर्डर को सील करने और उपद्रवियों पर कार्रवाई की मांग की है. इसके बाद केजरीवाल ने गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक की. अमित शाह ने बैठक में कहा कि स्थिती को काबू में करने के लिए प्रयाप्त पुलिस बल तैनात किए गए है. उन्होंने दिल्ली पुलिस पर भरोसा जताया और कहा कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने अधिकतम संयम दिखाया है. साथ ही उन्होंने अपील की है कि अफवाहे फैलाने से दूर रहे क्योकि अफवाहे फैलाने की वजह से ही स्थिति ज्यादा खराब हो रही है.
लेकिन अमित शाह की बैठक के बाद भी हालात पहले जैसे ही बने हुए है. ऐसा लग रहा है मानो यह सब देश की धधकती आग पर राजनितिक रोटियां सेक रहे है. अगर वास्तव में कोई एक्शन लिया गया होता तो क्या दिल्ली की यह भयावह स्थिती काबू में नही होती. देश के लगातार बिगड़ते हालात देखने के बाद कानून व्यवस्था, सरकार और उनकी ताकत सब एक बेवजह की राजनीति बनकर रह गई है.
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