शाहीन बाग: वार्ताकारों की कोशिश चौथे दिन भी नाकाम, लौटे खाली हाथ
भारत की राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चल रहे प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने वार्ताकार नियुक्त किए है. जिससे वार्ताकार शाहीन बाग जाकर प्रदर्शकारियों से बात करें और कोई सामाधान निकाले.
लेकिन चौथे दिन भी वार्ताकारों के बात करने के बावजूद अब तक कोई समाधान नही निकल पाया है, और शाहीन बाग का रास्ता नही खुल पाया है. प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकारों के आगे अपनी मांगे रखी लेकिन कोई हल नही निकला और सब कुछ बेनाकाम रहा.
वहीं इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट के नियुक्त किए गए वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन शुक्रवार शाम 6.30 बजे शाहीन बाग पहुंचे. लेकिन बातचीत के बावजूद कोई हल नही निकला. शुक्रवार को वरिष्ठ वकील साधना हेगड़े ने प्रदर्शनकारियों से पूछा कि आप लोगों ने सिर्फ एक रोड़ बंद कर रखा है तो दूसरा किसने किया. इस पर प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दूसरे बंद रोड़ के जिम्मेदार हम नही है. अगर पुलिस हमारी सुरक्षा का भरोसा दिलाए तो हम यह रोड़ खाली कर देंगे. इस पर साधना रामचंद्रन ने कहा कि यदि दूसरे बंद रोड़ के जिम्मेदार आप नही है तो क्या दिल्ली पुलिस है.
इस पर प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दिल्ली पुलिस हमें सुरक्षा दें तो हम सड़क तुरंत खाली कर देंगे. दिल्ली पुलिस ने कहा कि हम सुरक्षा देने के लिए तैयार है, लेकिन प्रदर्शनकारी नही माने. उनका कहना है कि हमें दिल्ली पुलिस पर भरोसा नही है. जामिया की लाइब्रेरी में उन्होंने ही संपत्ति के साथ तोड़-फोड़े की थी. वहां के छात्रों पर लाठीचार्ज कर आंसू गैस के गोले बरसायें. शाहीन बाग में पुलिस के रहते गोलियां चली तो हम कैसे उन पर यकीन करें. प्रदर्शकारियों ने यह भी कहा कि अगर दिल्ली पुलिस हमें लिखित रुप में दें तो हम सड़क खाली कर देंगे.
बता दें कि शुक्रवार को संजय हेगड़े ने प्रदर्शनकारियों को आश्वसन दिलाया कि वह उनकी बात कोर्ट तक जरुर पहुंचाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि मैं सरकार का आदमी नही हूं इसलिए कोई फैसला नही ले सकता. वार्ताकारों की इन सभी बातचीत के बाद भी शाहीनबाग मार्ग खोलने का कोई समाधान नही निकला. इससे पहले भी वार्ताकार दो बार शाहीन बाग पहुंचे लेकिन लंबी चर्चा के चलने के बाद भी कोई समाधान नही निकला. बताते चले कि करीब दो महीनों से चले आ रहे शाहीन बाग प्रदर्शन के कारण कालिंदी कुंज मार्ग बंद है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के तहत सुनवाई चली और समाधान निकालने के लिये वार्ताकारों को नियुक्त किया गया.
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