घर आंतरराष्ट्रीय पर्यावरण भाजप विसर्जित विष आहे, अधिकारी राज्यघटना प्रियंका गांधी स्टॉक एसपी सिटी व्हिडिओ काळजी नाही

भाजप विसर्जित विष आहे, अधिकारी राज्यघटना प्रियंका गांधी स्टॉक एसपी सिटी व्हिडिओ काळजी नाही

देशभर में नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) का विरोध जारी है. बीते हफ्ते देश के कई राज्यों में इसके विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुए थे. मेरठमध्येही हिंसाचाराच्या अनेक घटना घडल्या.. अब वहां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में एसपी सिटी (Meerut SP City Video) अखिलेश नारायण सिंह दूसरे समुदाय के लोगों को धमकाते नजर आ रहे हैं. NDTV पर चलाए गए एसपी सिटी के इस वायरल वीडियो को अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने ट्वीट किया है. प्रियंका ने बीजेपी पर संस्थाओं में सांप्रयादिक जहर घोलने का आरोप लगाया है.

बताते चलें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो 20 दिसंबर का बताया जा रहा है. मेरठ के एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह पूरी टीम के साथ प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए शहर के निसाड़ी गेट के पास एक गली में पहुंचे थे. वीडियो में साफ सुनाई दे रहा है कि वह काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन कर रहे लोगों को पाकिस्तान जाने की हिदायत देते नजर आ रहे हैं. एवढेच नाही, वह इलाके के लोगों को कीमत चुकाने की चेतावनी दे रहे हैं. वीडियो में एसपी सिटी को कहते हुए सुना जा सकता है, ‘जो काली पट्टी और पीली पट्टी बांध रहे हो बता रहा हूं. उनसे कह दो पाकिस्तान चले जाएं. फ्यूचर काला होने में लगेगा सेकेंड भर, एक सेकेंड में सब काला हो जाएगा. देश में नहीं रहने का मन है, चले जाओ भैया. खाओगे यहां, गाओगे कहीं और का. बताओ#####.. नहीं-नहीं फोटो ले लिया हूं, बताऊंगा इनको. इनको बता देना#####. इस गली को मैं. गली मुझे याद हो गई है, याद रखना, मुझे याद हो जाता है तो नानी तक मैं पहुंचता हूं. याद रखिएगा आप लोग.. ###. तुम लोग भी कीमत चुकाओगे.

प्रियंका गांधी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘भारत का संविधान किसी भी नागरिक के साथ इस भाषा के प्रयोग की इजाजत नहीं देता और जब आप अहम पद पर बैठे अधिकारी हैं तब तो जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. भाजपा ने संस्थाओं में इस कदर सांप्रदायिक जहर घोला है कि आज अफसरों को संविधान की कसम की कोई कद्र ही नहीं है.

भारत का संविधान किसी भी नागरिक के साथ इस भाषा के प्रयोग की इजाजत नहीं देता और जब आप अहम पद पर बैठे अधिकारी हैं तब तो जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।

भाजपा ने संस्थाओं में इस कदर साम्प्रदायिक जहर घोला है कि आज अफसरों को संविधान की कसम की कोई कद्र ही नहीं है
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(आता राष्ट्रीय भारत बातम्याफेसबुकट्विटर आणिYouTube आपण कनेक्ट करू शकता.)

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