प्रियंका गांधी का दावा- यूपी पुलिस ने मेरा गला पकड़ा, हाथापाई की
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने दावा किया है कि लखनऊ में महिला पुलिसकर्मी ने उन्हें गले से पकड़ा और हाथापाई की.
प्रियंका का दावा है कि जब वह नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध करने पर गिरफ़्तार किए गए रिटायर्ड पुलिस अधिकारी के घर जा रही थीं, तब उन्हें रोकने की कोशिश की गई और इसी दौरान यह सब हुआ.
इस संबंध में उत्तर प्रदेश पुलिस ने बयान जारी कर प्रियंका गांधी के दावे को ग़लत बताया है.
पुलिस का कहना है प्रियंका गांधी अपने निर्धारित मार्ग पर न जाकर किसी दूसरे मार्ग पर जा रही थीं और सुरक्षा के मद्देनज़र उनका रास्ता रोका गया.
76 साल के पूर्व पुलिस अधिकारी एस.आर. दारापुरी के घर जाने के लिए प्रियंका पहले एक स्कूटर के पीछे बैठीं और फिर पैदल भी चलीं. दारापुरी को इसी हफ़्ते नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध करने पर गिरफ़्तार कर लिया गया था.
प्रियंका ने अपने फ़ेसबुक पेज पर एक वीडियो भी पोस्ट किया है, जिसमें वह पैदल चल रही हैं और उनके साथ कांग्रेस के कार्यकर्ता भी हैं.
इस वीडियो के साथ प्रियंका ने लिखा है, “उत्तर प्रदेश पुलिस की ये क्या हरकत है? अब हम लोगों को कहीं भी आने-जाने से रोका जा रहा है. मैं रिटायर्ड पुलिस अधिकारी और अंबेडकरवादी सामाजिक कार्यकर्ता एस.आर. दारापुरी के घर जा रही थी. उप्र पुलिस ने उन्हें एनआरसी और नागरिकता क़ानून का शांतिपूर्वक विरोध करने पर घर से उठा लिया है.”
प्रियंका ने दावा किया, “मुझे बलपूर्वक रोका और महिला अधिकारी ने मेरा गला पकड़कर खींचा. मगर मेरा निश्चय अटल है. मैं उत्तर प्रदेश में पुलिस दमन का शिकार हुए हरेक नागरिक के साथ खड़ी हूं. मेरा सत्याग्रह है.”
उन्होंने लिखा है, “भाजपा सरकार कायरों वाली हरकत कर रही है. मैं उत्तर प्रदेश की प्रभारी हूं और मैं उत्तर प्रदेश में कहां जाऊंगी, ये भाजपा सरकार नहीं तय करेगी.”

प्रियंका गांधी के आरोपों के बाद लखनऊ पुलिस ने अपना बयान जारी किया है. लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि क्षेत्राधिकारी एमसीआर डॉ. अर्चना सिंह ने उन्हें पत्र लिखकर बताया है कि आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का लखनऊ दौरा था.
पत्र में लिखा गया है कि अर्चना सिंह की ड्यूटी फ़्लीट प्रभारी के रूप में थी और प्रियंका गांधी अपने निर्धारित मार्ग पर न जाकर किसी दूसरे मार्ग पर जाने लगीं जिसके कारण उनके रास्ते को रोका गया.
इस पत्र मे आगे लिखा गया है कि प्रियंका गांधी की सुरक्षा को देखते हुए उनके काफ़िले को रोका गया और उनके आगे के रूट का विवरण मांगा गया लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं ने इसकी जानकारी नहीं दी. साथ ही पत्र में यह भी कहा गया है कि सोशल मीडिया पर हाथापाई की जो बातें फैलाई जा रही हैं वो बिलकुल असत्य हैं.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार प्रियंका गांधी ने कहा, “जब मैं दारापुरी जी के परिवार से मिलने जा रही थी तो यूपी पुलिस ने मुझे रोका. उन्होंने मरा गला पकड़ा और धक्कामुक्की की. जब मैं पार्टी के कार्यकर्ता के टू-व्हीलर पर बैठकर जा रही थी तो उन्होंने मुझे घेर लिया. इसके बाद मैं पैदल चलकर वहां पहुंची.”
प्रियंका गांधी के दावे के बाद कांग्रेस नेता सुष्मिता देव ने प्रेस कॉन्फ़्रेस कर यूपी पुलिस पर हाथापाई करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, “प्रियंका गांधी को घेरा गया और यह तब हुआ जब उनकी गाड़ी में पांच से कम लोग थे और ये धारा 144 का उल्लंघन भी नहीं था. पुलिस के कर्मचारियों ने जिस तरह से हाथापाई की, उससे क्या लगता है कि यूपी पुलिस सुरक्षा के लिए है या अत्याचार करने के लिए?”
सुष्मिता ने यह दावा भी किया कि प्रियंका गांधी को हाथापाई के कारण चोट आई है. उन्होंने कहा, “मेरा मुख्यमंत्री अजय बिष्ट (योगी आदित्यनाथ) से सवाल है कि यूपी में 18 लोगों की जानें गई हैं. इनमें से 12 लोगों की गोली लगने से कैसे मौत हुई? मेरी मांग है कि प्रियंका गांधी से हाथापाई करने वाले यूपी पुलिस के इन कर्मचारियों को बर्ख़ास्त किया जाए.”
“प्रियंका गांधी ने कभी कोई ऐसा क़दम नहीं उठाया जिससे यूपी की शांति भंग हो. इससे पहले सोनभद्र में उन्हें क़ैद करके रखा गया. अजय बिष्ट की सरकार को अगर लगता है कि वो विरोध करने वालों और प्रदर्शनकारियों को गोलियों से दबा सकते हैं तो हम उन्हें बता देना चाहते हैं कि वो ऐसा नहीं कर पाएंगे.”
कांग्रेस नेता ने कहा, “हमारी मांग है कि उनकी सरकार को बर्ख़ास्त किया जाए. यूपी पुलिस ने आज अपनी सारी सीमाएं लांघ दीं.”
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