रामनवमी पर हुई हिंसा नहीं हुई शांत, बिहार और बंगाल के कई शहरों में तनाव पूर्ण हालात
By- Aqil Raza
रामनवमी के अवसर पर पश्चिम बंगाल में फैली हिंसा अभी तक थमने का नाम नहीं ले रही है. आसनसोल, रानीगंज, बर्धमान समेत कई जगहों पर अभी भी हालात ठीक नहीं हैं. साथ ही बिहार भी संप्रदायिक हिंसा की आग में सुलग रहा है।
आसनसोल के पुलिस कमिश्नर के अनुसार, इंटरनेट सर्विस को अगले 48 घटों के लिए बंद कर दिया गया है. वहीं आसनसोल में ही करीब 60 लोगों को अरेस्ट किया गया है. बताया जा रहा है कि अभी भी कई छोटे गांवों में हालात बिगड़े हुए हैं, यही कारण है कि सुरक्षा को सख्त किया गया है.
बुधवार को केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार से रिपोर्ट भी मांगी थी. हिंसा फैलने के बाद राज्य में जिस तरह की परिस्थिति बनी है उस पूरे मुद्दे पर केंद्र की ओर से रिपोर्ट तलब की गई थी. इसके अलावा केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से कहा है कि अगर उन्हें पैरामिलिट्री फोर्स की जरूरत है, तो वह मुहैया करा सकती है. हालांकि, बंगाल सरकार ने केंद्र की पेशकश को ठुकरा दिया है.
आपक बता दें कि 25 मार्च को रामनवमी के मौके पर जुलूस को लेकर बर्धमान जिले के रानीगंज इलाके में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी. पूरे सूबे में बीजेपी और उससे जुड़े हिंदुवादी संगठनों ने तलवार और दूसरे हथियारों के साथ रामनवमी का जुलूस निकाला था. हालात आगजनी और फायरिंग तक पहुंच गए थे, जिसमें एक व्यक्ति की मौत होने की बात सामने आई है. पुलिस ने अब तक हिंसा के आरोप में 19 लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं,
हालंकि रामनवमी का जुलूस तो पहले भी निकलता रहा है, लेकिन इस बार जो वैसा पहले कभी नहीं हुआ है। अगर इस घटना को ध्यान से देखें तो कई सवाल खड़े होते हैं, सवाल ये है कि पिछले कुछ सालों में जबसे बीजेपी कांद्र में आई है सांप्रदायिक हिंसा की खबरें क्यों बढ़ रही हैं।
हिंदू मुस्लिम के नाम पर लोगों में जहर किस लिए घोला जा रहा है। क्या ये सब 2019 का चुनावी माहौल बनाने के लिए किया जा रहा है। और इसमें सबसे जरूरी सवाल ये है कि जब पुलिस ने ये आरोप लगाया है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने प्रतिबंध को ठुकराते हुए सशस्त्र के साथ जुलूस को निकाला है, जिससे तनाव की स्थिति पैदा हुई, तो फिर बीजेपी हाई कमान ने इन लोगों के खिलाफ क्यों कोई एक्शन की बात कही। क्या इन लोगों को बीजेपी का संरक्षण मिल रहा है।
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