Home Opinions लगता है यह बाबा, साधू, महाराज भी अच्छे दिन के लिए तड़प रहे हैं।
Opinions - Social - State - June 15, 2018

लगता है यह बाबा, साधू, महाराज भी अच्छे दिन के लिए तड़प रहे हैं।

विमर्श। क्या गज़ब हो रहा है मोदी, माल्या, मेहता, के तो अच्छे दिन आ गए हैं। इनके क्यों बुरे दिन चल रहे है। स्ट्रेस मैनेजमेंट का पाठ पढ़ाने वाले भय्युजी महाराज फॅमिली स्ट्रेस से तंग आकर खुद स्वयं को गोली मार आत्महत्या कर लेते है। एक योग गुरु बाबा रामदेव जो अपने करतबों से बीमारियों को दूर भगाने का धंधा कर रहे हैं। खुद स्वयं के इलाज के लिए यह करतब नाकाम रहने पर विदेश जाना पड़ रहा है।

दुनिया को मुक्ति का सन्देश देने वाले आसाराम, रामपाल, राम रहीम, जैसे कई बाबा जेल में सड़ रहे हैं। घिन्न तो इस बात से आती है कि इन बाबाओं की काली करतूतों ने पुरे समाज को गन्दा कर दिया है। यह योगी कम मगर महिलाओं के भोगी ज्यादा नजर आ रहे हैं। कुछ गिनती करे तो पता चलता है कि चरित्र का पाठ पढ़ाने वाले अब तक न जाने कितने बाबा मौलवी और पादरी धारा ३७६ में जेल में हैं।

इनके अलावा कुछ के नाम मैं और गिनवा सकता हूं। दक्षिण भारत का प्रसिद्ध बाबा नित्यानंद जिनकी सेक्स सीडी 2010 में वायरल हुई थी, बलरामपुर के तुलसीपुर से भाजपा के पूर्व विधायक कौशलेन्द्र नाथ जो अपने आवास पर नौकरी मांगने आयी नौकरानी के साथ रंग रलियां मनाते हुए पकड़े गये थे। प्रतापगढ़ के रामकृपाल त्रिपाठी उर्फ़ कृपालु महाराज एक 22 वर्षीय युवती पर त्रिनिदाद और टोबैगो में ले जाकर बलात्कार करने के आरोप का सामना कर रहे है।

उप्र के चित्रकूट का रहने वाला इच्छाधारी संत कहलानेवाला शिवमूरत द्रिवेदी उर्फ़ भिमानंद महाराज श्रीनिवासपुरी, लाजपतनगर, नोएडा और साकेत जैसी अलग अलग जगह पर सेक्स रेकेट के घिनौने धंधे में बदनाम हो चुका है। बाराबंकी का रामशंकर तिवारी उर्फ़ परमानन्द बाबा संतानहीन महिलाओं के साथ दुराचार करते पकड़ा गया है।

राजस्थान के अलवर में दिव्य धाम संचालित करने वाले जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी कौशलेंद्र प्रपन्नाचारी फलाहारी महाराज ने मूलरूप से बिलासपुर की रहने वाली और जयपुर में रहकर लॉ की पढ़ाई कर रही युवती से बलात्कार की कोशिश की यह मामला दर्ज हुआ है। इसमें राधेमां जैसी साध्वियां भी पीछे नहीं हैं।

वहीँ एक दूसरा बाबा दाती महाराज जो दूसरो के शनि उतारने का काम कर रहा है उस पर शनि भारी पड़ रहा है। काले कपड़ों वाले टीवी पर दर्शकों को डराने वाले सनातन महिमा के दाती महाराज से तंग आकर उनकी एक भक्तन ने पुलिस के सामने भंडाफोड़ कर दिया है। इनका हाल आसाराम रामरहीम जैसा होगा या नहीं यह तो समय ही बताएगा।

मगर अहम् मसला यह है कि हम अपनी बहन, बहू, बेटियों को इन बाबाओं के पास क्यों भेजते हैं। क्यों हम बेशर्मी की साक्षात मूर्ति होते जा रहे है? क्यों इन बाबाओं की चरणरज लेकर इनके घिनौने कारनामों और धृणीत व्यापार को बढ़ावा दे रहे है?

एक बात हम समज ले कि निजी आस्थाएं और ध.र्म के सार्वजानिक प्रदर्शन का अर्थ व्यापार होता है। हमें बाह्यप्रतीकों से अलंकृत लेकिन आंतरिक पवित्रता से वंचित इन ढोंगी बाबाओं से बचना है तो अपनी निजी आस्थाएं एवं धर्म के सार्वजनिक प्रदर्शन पर नियंत्रण लाना होगा।

ख्यालातों के बदलने से भी निकलता है नया दिन,

सिर्फ सूरज के चमकने से ही सवेरा नहीं होता।

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